ED की कार्रवाई रोकने कांग्रेस ने सुको के मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र; कहा- राजनीति से प्रेरित है छापे
रायपुर, राज्य में विगत छह महीने से लगतार ईडी के छापों से परेशान कांग्रेस ने इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को पत्र लिखा है। पार्टी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि एक महीने में ईडी ने 50 से अधिक लोगों पर छापे मारे हैं और पूछताछ की है। उनके पास से क्या मिला यह ईडी नहीं बता रही है। कोयला परिवहन घोटाले के नाम पर कांग्रेस के ऐसे नेताओं से पूछताछ की जा रही है, जिनका कोयले से कोई संबंध नहीं है। किसान व मजदूर नेताओं को पूछताछ के नाम घंटों बिठाया जा रहा है। उन पर भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है। पार्टी ने कहा है कि ईडी की यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
यह पत्र छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला की ओर से लिखा गया है। सुशील शुक्ला ने कहा कि ईडी की मनमानी और गैर संवैधानिक कार्रवाई के विरोध में यह पत्र लिखा गया है। केंद्र सरकार से कोई उम्मीद नहीं बची है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में दस्तक दी गई है। कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई के विरोध में सड़क पर प्रदर्शन किया। ईडी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा, लेकिन ईडी की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब एक वही रास्ता है, जहां से न्याय की उम्मीद है। शुक्ला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट कई मामलों का स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करता है, ऐसे में यह पत्र उनके ध्यानार्थ भेजा गया है। शुक्ला से जब यह सवाल किया गया कि क्या कांग्रेस पार्टी पीआइएल के माध्यम से कोर्ट का ध्यान आकर्षित करेगी। इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर विचार कर रही है।
पूछताछ के नाम पर बंधक
सीआरपीएफ जवानों को तैनात करके भय का माहौल बनाया गया। अधिकांश लोगों को पूछताछ के नाम पर ईडी कार्यालय में 24 घंटे तक बंधक की तरह रखा गया। इन 48 घंटों में किसी को सोने तक नहीं दिया गया तथा न ही किसी बाहरी व्यक्ति से बातचीत करने की अनुमति दी गई। 48 घंटे मानसिक यातना देने के बाद एक बार फिर ईडी कार्यालय बुलाया गया। एक भद्र महिला को तो रात 11 बजे पूछताछ के नाम सीआरपीएफ जवानों की कस्टडी में ईडी कार्यालय लाया गया। इसकी पुष्टि ईडी कार्यालय के बाहर लगी सीसीटीवी और कार्यालय के रजिस्टर से की जा सकती है।
चुनाव को देखते हुए चल रहा दमन चक्र
कांग्रेस ने कहा कि ईडी अधिकारियों द्वारा छत्तीसगढ़ में अचानक इतनी अधिक सक्रियता सिर्फ इसलिए दिखायी जा रही है, क्योंकि इसी वर्ष नवंबर में राज्य में विधानसभा चुनाव (CG assembly election 2023) होने वाले हैं। इन चुनावों में भाजपा की पराजय निश्चित जानकर राजनीतिक आकाओं के इशारे पर राजनीति से प्रेरित होकर अन्य विपक्षी राज्य की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी ईडी का दमन चक्र जारी है। लोकतंत्र को कुचलने के उद्देश्य से की गई कार्रवाई का अहिंसक एवं न्यायिक प्रतिरोध अवश्य किया जाना चाहिए। स्वस्थ लोकतंत्र को जीवित रखने में सिर्फ न्यायपालिका से ही आशा बची है।
आइएएस-आइपीएस भी प्रताड़ित
कांग्रेस ने पत्र में लिखा कि प्रदेश के कई आइएएस-आइपीएस अधिकारियों को पूछताछ के नाम पर प्रताड़ित किया गया। अधिकारियों के घर पर 30 घंटे तक सर्च किया गया। इन सभी कार्रवाई का भी कोई विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया। ईडी अधिकारी राज्य के अधिकारियों को भयभीत कर राज्य की व्यवस्था को ठप करना चाहते हैं।
अमानवीय एवं अवैधानिक कार्रवाई
कांग्रेस ने अपने पत्र में लिखा कि ईडी राजनीतिक आधार पर अमानवीय एवं अवैधानिक कार्रवाई कर रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन को रोकने के लिए छह प्रमुख आयोजकों के घर पर छापे मारे गए। कांग्रेस पदाधिकारियों को छापे के औचित्य और प्रकरण तक की जानकारी नहीं दी गई। छापे में क्या मिला, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई। बिना किसी समन के ईडी की टीम 24 घंटे तक लोगों के घरों में रही। इससे जनता के बीच यह संदेश गया कि लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।