PROTEST; दुर्गा नगर झुग्गी बस्ती को बचाने एकजुट हुआ गाड़ा समाज,पहले आवेदन-निवेदन,नहीं तो करेंगे आंदोलन

70 वर्ष के रहवासी पट्टाधारी, महाबैठक में मालिकाना हक़ की उठी माँग
रायपुर, राजधानी रायपुर के हृदय स्थल में स्थित दुर्गा नगर झुग्गी बस्ती के 120 परिवारों के भविष्य पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडरा रहा हैं। नगर निगम द्वारा एक 1600 करोड़ के प्रोजेक्ट के नाम पर इन गरीब परिवारों को शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर, बुनियादी सुविधाओं से वंचित पुराना विधानसभा के आगे ‘पिरदा’ इलाके में विस्थापित करने की तैयारी के विरोध में बस्ती के निवासी और पूरा गांड़ा समाज एकजुट होकर खड़ा हो गया है।
आज दुर्गा नगर में आयोजित एक ऐतिहासिक महाबैठक में सैकड़ों की संख्या में सामाजिक मुखिया, नेता, पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समाजजन उपस्थित हुए। सभी ने एक स्वर में यह घोषणा की कि दुर्गा नगर को बचाना है और किसी भी हाल में अन्यायपूर्ण विस्थापन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। आज की महाबैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के नेताओं ने दुर्गा नगर के निवासियों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए सरकार की इस नीति पर आपत्ति जतायी है।
·भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री किशोर महानंद ने कहा कि “हम अपने लोगों के आशियाने को उजड़ने नहीं देंगे। जो जहां है, उसे वहीं मकान बनाकर दिया जाए। समाज इस मामले में एक साथ खड़ा है।” अधिवक्ता भगवानू नायक ने कहा कि “यह गरीब और दलित विरोधी नीति है। जिस जगह में जिनकी कई पीढ़ियां गुजर गईं, उन्हें वहीं रहने दिया जाए। उनको हटाना असंवैधानिक और अव्यावहारिक है। इससे उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार बुरी तरह प्रभावित होंगे।”
बनमाली छुरा ने कहा कि “शहर से दूर ऐसी जगह, जहां न बिजली है, न पानी है और न ही रोजगार के साधन, वहां हमारे गरीब लोगों को भेजना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है।” भाजपा नेता बसंत बाग ने कहा कि “सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। गरीबों के साथ किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
समाज के नेता प्रीतम महानंद ने कहा कि नगर निगम रायपुर के द्वारा झूठा आश्वासन देकर अधिक मकानों का लालच देकर आनन फानन में शपथ पत्र लिया गया बिना नोटिस के मकान आबंटन का चाबी दिया गया जिसे अब दुर्गा नगर मोहल्ले वासी सामूहिक रूप से आत्मसम्मान के लिए वापस करने जाएंगे जो कि रायपुर छत्तीसगढ़ का इतिहास होगा




