GOVT;प्राइवेट बैंकों की तरह सहकारी बैंकों में भी किसानों के लिए होगी प्राथमिक सुविधाएं,सहकारी समितियों में अनियमितता बरतने वालों पर होगी सख्त कार्यवाही
रायपुर, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज अटल नगर नवा रायपुर स्थित अपेक्स बैंक के सभाकक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मंत्री कश्यप ने बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों को आदर्श बैंक के रूप में विकसित किया जाए। किसान धान विक्रय के बाद स्वयं का पैसा निकालने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगाकर खड़े रहते हैं। इससे शासन की छवि खराब होती है। उन्होंने अधिकारियों को सभी बैंकों में पैसा निकालने आने वाले किसानों के लिए प्राइवेट बैंक की तरह पंखे और छाया-पानी आदि की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
मंत्री श्री कश्यप ने उपार्जन केन्द्रों में धान बेचने आने वाले किसानों को तत्कालिक रूप से राशि उपलब्ध कराने के लिए माइक्रो एटीएम सुविधा को भी सुदृढ़ करने के निर्देश दिए, ताकि किसानों को तत्कालिक रूप से जरूरत के लिए उपार्जन केन्द्र में राशि मिल सके।सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने खाद-बीज वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों की मांग के अनुरूप खाद-बीज का वितरण किया जाए। सहकारी समितियों में पर्याप्त खाद-बीज का भंडारण हो। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि खाद-बीज के संबंध में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों में अनियमितता करने वालों के खिलाफ केवल राशि वसूली तक की कार्यवाही न हो, उन पर सख्त कार्यवाही भी की जाएगी।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि धान उपार्जन वर्ष 2023-24 के समितियों में शेष धान का शीघ्र उठाव कर लिया जाए तथा लेखा मिलान भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में 2 हजार 735 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से राज्य के 24.72 किसानों से 144.92 लाख मीटरिक टन धान का उपार्जन किया गया था, इसके एवज में किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 31 हजार 665 करोड़ 18 लाख रूपए तथा कृषक उन्नति योजना के तहत 13 हजार 260 करोड़ 55 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। कुल उपार्जित धान में से 141.92 लाख मीटरिक टन धान मिलर्स द्वारा उठाव कर लिया गया है तथा 2.48 लाख मीटरिक टन धान विपणन संघ के संग्रहण केन्द्रों में भेजा गया है। वर्तमान में उपार्जन केन्द्रों में 0.52 लाख मीटरिक टन धान शेष है।