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GREEN GOLD; बैंक मित्र एवं बैंक सखियों के जरिये 36 हजार संग्राहकों को 12 करोड़ का भुगतान

रायपुर, बस्तर अंचल में तेंदूपत्ता को हरा सोना माना जाता है, जो वनांचल के संग्राहकों की अतिरिक्त आय का मुख्य जरिया है। तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि स्थानीय स्तर पर बैंक सखियों के माध्यम से भुगतान होने के फलस्वरूप विशेषकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के संग्राहकों को बहुत सहूलियत हो रही है। इसे मद्देनजर रखते हुए बस्तर जिले के अंदरूनी इलाके के संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक राशि का भुगतान बैंक मित्र और बैंक सखियों के माध्यम से किया जा रहा है। तेंदूपत्ता सीजन 2024 में संग्रहित तेंदूपत्ता का 36 हजार 229 संग्राहकों को 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए पारिश्रमिक राशि अपने गांव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों द्वारा की जा रही है।

*जिले के 15 समितियों के तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक सखियों ने किया भुगतान*

वनमंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक जिला सहकारी यूनियन जगदलपुर उत्तम गुप्ता ने बताया कि जिले के सभी 07 विकासखण्डों के अंतर्गत 15 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के कुल 36 हजार 229 संग्राहकों को 12 करोड़ 43 लाख 95 हजार 749 रुपए पारिश्रमिक राशि अपने गांव के बैंक मित्र एवं बैंक सखियों से भुगतान किया जा रहा है। जिसके तहत लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक के 13 ग्राम पंचायतों के 1947 संग्राहकों को 79 लाख 47 हजार 665 रुपए, तोकापाल विकासखण्ड के एक ग्राम पंचायत के 76 संग्राहकों को 03 लाख 36 हजार 193 रुपए,बास्तानार ब्लॉक के 22 ग्राम पंचायतों के 1831 संग्राहकों को 79 लाख 69 हजार 995 रुपए,बस्तर विकासखण्ड के 65 ग्राम पंचायतों के 10 हजार 78 संग्राहकों को 02 करोड़ 68 लाख 72 हजार 736 रुपए, दरभा ब्लॉक के 21 ग्राम पंचायतों के 1782 संग्राहकों को एक करोड़ 37 लाख 71 हजार 934 रुपए तथा बकावंड विकासखण्ड के 86 ग्राम पंचायतों के 16 हजार 510 संग्राहकों को 05 करोड़ 45 लाख 47 हजार 614 रुपए पारिश्रमिक राशि का भुगतान स्थानीय बैंक सखियों द्वारा किया जा रहा है। जिससे जहां ग्रामीण संग्राहकों को भुगतान प्राप्त करने में सुविधा हुई, वहीं इन बैंक सखियों को भी अच्छी कमीशन राशि मिली।

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