कानून व्यवस्था

CRIME; दिवाली पर ग्रामीण इलाकों में अमन-चैन कायम रखने पुलिसिया गश्त की मांग , सौंपा ज्ञापन

रायपुर, दीपावली पर्व पर मंदिर हसौद व आरंग थाना क्षेत्र के ग्रामों में अमन-चैन बनाये रखने सघन पुलिसिया गश्त व असामाजिक गतिविधियों में लिप्त तत्वों के खिलाफ ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही की मांग को लेकर किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने पुलिस प्रशासन ‌के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है और असामाजिक तत्वों की दीपावली जेल में मनाने की सुनिश्चित व्यवस्था का आग्रह किया है ।
  पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के नाम उनके कार्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंचल तिवारी को , पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह से मुलाकात न हो पाने की वजह से उनके कार्यालय में व नया रायपुर में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला को व्हाट्स ऐप के माध्यम से‌ सौपा गया है। ज्ञापन की प्रति  मंदिर हसौद थाना प्रभारी आशीष यादव व आरंग थाना प्रभारी राजेश सिंह को भी प्रदत्त  की गयी है।

ज्ञापन में लिखा गया है कि जारी पुलिसिया अभियान के चलते शराब , गांजा व नशीली गोलियों के कतिपय बड़े सप्लायरों के खिलाफ कार्यवाही से सकारात्मक संदेश तो गया है पर थाना क्षेत्र में सक्रिय स्थानीय सप्लायरों के‌ खिलाफ व बिक्री में लिप्त असामाजिक तत्वों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही न‌ होने से ग्रामों में इस अभियान का‌ कोई खास असर नहीं दिख रहा है । दीपावली पर्व पर इनके सहित होने वाले जुआ की वजह से लड़ाई – झगड़ा होने व अशांति फैलने की जानकारी देते हुये आग्रह किया गया है कि ग्रामों के सभ्य नागरिकों , महिलाओं व नौनिहालों को शांति से व आनंदपूर्वक त्यौहार मनाने देने इनमें लिप्त तत्वों के ‌खिलाफ अविलंब ठोस कार्यवाही की सामयिक आवश्यकता है । आरंग थाना क्षेत्र के ग्राम भानसोज में हुये सफल शराब भट्ठी विरोधी आंदोलन के अगुवाई करने वाले व क्षेत्र में शराब विरोधी मुहिम में सक्रिय श्री शर्मा ने जानकारी दी है कि भानसोज के ही ग्रामीण व्यवस्था लड़खड़ाने की वजह से यहां भी असामाजिक तत्व हावी हो चले हैं और हालत यह है कि भोर होते ही महानदी मुख्य नहर के पार में कतिपय ‌असामाजिक तत्व शराब बेचना शुरू कर देते हैं जिसके चलते राहगीरों को पियक्कड़ों के हरकतों के चलते शर्मनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है ।

भानसोज की‌ स्थिति से ही ‌अंदाज लगाया जा सकता है कि आंदोलन में ‌सहभागी रहे ग्रामों की स्थिति  क्या होगी । अधिकांश ग्रामों  में शराब पीने जाने वाले पियक्कड़ों द्वारा 15- 20 पौव्वा शराब ला ग्रामों में बेच अपने पौव्वा व आने – जाने का खर्च निकालने के चलते ग्रामीण माहौल और खराब होने की‌ जानकारी देते हुये उन्होंने इसके लिये शासन द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को 24 पौव्वा शराब लेने की छूट को दोषी ठहराया है व ग्रामों में इसे अशांति का एक प्रमुख कारण ठहराया है ।‌ ज्ञापन में इन  असामाजिक गतिविधियों पर रोक लगा पाने में शासन – प्रशासन की असमर्थता के चलते परेशान व आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा अब स्वयं ग्रामीण व्यवस्था के तहत इस पर रोक लगाने आगे आने ‌की जानकारी देते हुये इसे शासन – प्रशासन ‌की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान कहा है । 

Related Articles

Back to top button