राज्यशासन

STRIKE; कलम बंद–काम बंद आंदोलन का राज्यभर में व्यापक प्रभाव, तीसरे दिन भी सरकारी कामकाज ठप

0 संवाद नहीं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल – फेडरेशन का अल्टीमेटम, सरकार ने चुप्पी साधी तो आंदोलन और तीव्र होगा – प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा

रायपुर,छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा घोषित कलम बंद–काम बंद आंदोलन का आज तीसरे दिन भी प्रदेशव्यापी व्यापक असर देखने को मिला। इंद्रावती भवन से लेकर संभागीय एवं जिला मुख्यालयों तक अधिकांश शासकीय कार्यालयों में कामकाज ठप रहा और बड़ी संख्या में कर्मचारी-अधिकारी आंदोलन में शामिल रहे। विश्वविद्यालयों, स्कूलों, निकायों, विभागीय कार्यालयों और निगम-मंडलों तक आंदोलन के समर्थन की स्पष्ट तस्वीर दिखाई दी।

राज्य के विभिन्न जिलों में फेडरेशन के संयोजकों के नेतृत्व में रैलियाँ, धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी हुई। कर्मचारियों एवं शिक्षकों द्वारा सामूहिक अवकाश लेकर भागीदारी करने के कारण कई शासकीय सेवाएँ प्रभावित रहीं। राजधानी नवा रायपुर स्थित विभागाध्यक्ष कार्यालयों तथा मंत्रालयीन परिसरों में भी बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी कलम बंद रखकर आंदोलन के साथ खड़े रहे।

फेडरेशन पदाधिकारियों ने बताया कि 29 से 31 दिसंबर तक घोषित कलम बंद–काम बंद आंदोलन को प्रदेश के सभी संभागों में अभूतपूर्व समर्थन मिला है और आंदोलन की जमीन अब पूरी तरह तैयार हो चुकी है। यदि सरकार द्वारा शीघ्र सार्थक संवाद प्रारंभ नहीं किया जाता, तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करने के लिए बाध्य होगा।

फेडरेशन की प्रमुख 11 सूत्रीय मांगों में देय तिथि से महंगाई भत्ता एवं डीए एरियर्स, चार स्तरीय समयमान वेतनमान, विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों का निराकरण, पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करना, शिक्षकों की सेवा गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से मानना, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, अनुकंपा नियुक्ति नियमों में शिथिलीकरण, पंचायत सचिवों का शासकीयकरण, संविदा-दैनिक कर्मचारियों का नियमितीकरण और सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष किए जाने जैसी मांगें शामिल हैं।

प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा,प्रांतीय प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी, जी आर चंद्रा, बी पी शर्मा,रोहित तिवारी,संजय सिंह,अरुण तिवारी,संजय ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों का मनोबल ऊँचा है और आंदोलन को जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि—“फेडरेशन संवाद और समाधान चाहता है, लेकिन यदि सरकार चुप्पी साधे रहती है, तो कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए आंदोलन को और अधिक तीव्र किया जाएगा।”फेडरेशन ने सरकार से शीघ्र वार्ता प्रारंभ कर सकारात्मक निर्णय लेने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन को अगले चरण में ले जाने की चेतावनी दी है।

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