FOOD; खाद्य विभाग के अफसरों को निपटाने का खेल शुरू! दोषी अधिकारी की हैंडराइटिंग वाला नोटिस जारी

रायपुर, विधानसभा द्वारा गठित राशन घोटाले की जांच समिति के प्रश्न में घिरते खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने मैदानी अमले को जिम्मेदार बताने की साजिश शुरू कर दी है। खाद्य विभाग के सभी फूड इंस्पेक्टर को थोक में राशन दुकान जांच न करने और चांवल की कमी की नोटिस मिलना शुरू हो गया है।
खाद्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि विधान सभा जांच समिति ने घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारी का नाम मांगा है। इसके जवाब में खाद्य संचालनालय के तत्कालीन अपर संचालक का नाम आना चाहिए। इस अधिकारी ने अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया के साथ मिलकर राशन घोटाले को अंजाम दिया है। राशन दुकानों में चांवल के तीन चार महीने के बचत स्टॉक की जानकारी फूड इंस्पेक्टर अपने मॉड्यूल से भर कर देते रहे। खाद्य संचालनालय के अधिकारी ने विभाग को मुख्यमंत्री कार्यालय का भय दिखाकर हर महीने सौ फीसदी कोटा जारी करवाते रहा।
खाद्य विभाग के अधिकारियों के संघ के एक पदाधिकारी का कहना है कि संचालनालय की गलती को ढांकने के लिए मंत्रालय में पदस्थ अधिकारी ने 2021 जनवरी से 2023 दिसंबर के छत्तीस महीने में खाद्य संचालनालय द्वारा राशन दुकानों के जांच का ब्यौरा के लिए कारण बताओ नोटिस खुद के हैंड राइटिंग में महीने का नाम लिख कर जारी करवाया है। आश्चर्य की बात ये है कि ये अधिकारी राशन घोटाले के कारण संचालनालय से हटाया जाकर मंत्रालय भेज दिया गया है। इसके बावजूद संचालनालय के काम में दखलंदाजी करने से बाज नहीं रहा है।
फूड इंस्पेक्टर का कहना है कि 2021 से 2023 के तीन साल की अवधि का दो साल बाद कारण बताओ नोटिस जारी करना सुनियोजित षडयंत्र है। इसी प्रकार फूड इंस्पेक्टर को पूरे विकास खंड में कम पाए गए चांवल की नोटिस जारी किया गया है।किस दुकान में कितना चांवल कम है इसका कोई विवरण नहीं है।
खाद्य अमले का कहना है कि फूड इंस्पेक्टर का काम घोषणा पत्र में बचत चांवल मात्रा की जानकारी देना है। कोटा देना, काटना संचालनालय की जिम्मेदारी है। कई जिलों के कलेक्टर्स ने लिखित रूप से चांवल कोटा कम करने का लिखित पत्र भेजा लेकिन संचालनालय के अधिकारी ध्यान नहीं दिये।
खाद्य विभाग के अधिकारी शीघ्र ही इस मामले को लेकर मुख्य मंत्री और खाद्य मंत्री सहित सचिव संचालक से मिलकर अपना पक्ष सामूहिक रूप से रखने का मन बना रहे है । उनका कहना है कि विधानसभा में खाद्य संचालनालय ने जानकारी में बताया है कि 7927 राशन दुकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 3278 राशन दुकानों के विरुद्ध आरआरसी जारी हो गई है। 602 राशन दुकान निलंबित और 671 दुकान निरस्त कर दिए गए है। बिना प्रकरण बने कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है। खाद्य मंत्रालय में कार्यरत अधिकारी संचालनालय ने रह कर जो घोटाला किया है उससे बचने के लिए मैदानी अमले को दोषी बताने की कार्यवाही करवा रहा है।