FOOD; ‘चावल उत्सव’ फ्लाप, 51% लोग खाली हाथ, चावल वितरण के लिए अब एक हफ्ते का समय मिलेगा
एक हफ्ता और

रायपुर, प्रदेश में एक साथ तीन माह का चावल वितरण करने की सरकार की योजना आधे रास्ते में अटक गई है। 30 जून वितरण की अंतिम तिथि थी, लेकिन अब तक कुल एपीएल कार्डधारियों में से सिर्फ 49 प्रतिशत लोगों को ही चावल मिल पाया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शासन ने अब वितरण की समयसीमा को सात दिन के लिए और बढ़ा दिया है। खास बात यह है कि एपीएल कार्डधारियों के लिए अधिकांश राशन दुकानों में चावल उपलब्ध ही नहीं कराया गया, जिससे हजारों लोग खाली हाथ लौटते रहे। इसके चलते राशन वितरण में भारी असंतोष फैल गया।
आंकडे कर रहे सच्चाई बयां
राज्य में कुल 8,55,626 एपीएल कार्डधारी हैं, जिनमें से सिर्फ 5,23,265 कार्डधारियों को ही अब तक चावल का वितरण किया गया है। रायपुर जिले की बात करें तो 1,25,674 एपीएल कार्डधारियों में से महज 62,066 कार्डधारियों को ही राशन मिला है। यानी शहर में आधे से ज्यादा लोग अब भी चावल के इंतजार में हैं।
लापरवाही पर गिरी गाज, जीएम हेलिना तिग्गा हटाई गईं
चावल वितरण में लापरवाही को लेकर शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए रायपुर नागरिक आपूर्ति निगम की महाप्रबंधक हेलिना तिग्गा को मुख्यालय अटैच कर दिया है। उनकी जगह अब संजय तिवारी को रायपुर का नया महाप्रबंधक बनाया गया है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई वितरण व्यवस्था में बार-बार सामने आ रही गड़बड़ियों को लेकर की गई है। राशन वितरण की जमीनी हकीकत को मीडिया ने उजागर किया था। शहर की अधिकांश राशन दुकानों में एपीएल कार्डधारियों के लिए चावल उपलब्ध न होने, हितग्राहियों को बार-बार चक्कर लगाने और सिस्टम की सुस्ती की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की गई थीं। उसी का असर है कि शासन ने न केवल समय सीमा बढ़ाई, बल्कि जिम्मेदार अफसर पर कार्रवाई भी की।
अब सात दिन और मिलेगा समय
खाद्य विभाग के नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा के अनुसार, अब तीन माह के चावल वितरण के लिए सात जुलाई तक की समयसीमा निर्धारित की गई है। इस दौरान सभी जिलों के खाद्य अधिकारियों को लक्ष्य पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। शासन का दावा है कि इस अवधि में शेष सभी पात्र हितग्राहियों तक चावल पहुंचा दिया जाएगा।
रात 10 बजे तक बांटना पड़ रहा है चावल
तीन माह का राशन एक साथ बांटने की योजना ग्राम नरदहा में अव्यवस्था का कारण बन गई है। राजधानी से महज दो किलोमीटर दूर इस गांव में 1,773 राशन कार्डधारियों को चावल देना है, लेकिन स्टाफ और संसाधनों की भारी कमी के चलते सुबह 10 से रात 10 बजे तक वितरण चल रहा है। हर कार्डधारी को छह बार अंगूठा लगाना पड़ रहा है, जिससे प्रतिदिन सिर्फ 50-60 लोगों को ही राशन मिल पा रहा है। बाकी सैकड़ों हितग्राही खाली हाथ लौट रहे हैं। मात्र एक कर्मचारी वितरण कार्य संभाल रहा है। दुकान में जगह कम होने से चावल का स्टॉक बाहर रखना पड़ रहा है और उसे रोज लाकर तौलना पड़ता है।
मशीन की धीमी चाल से काम बाधित
मशीन की धीमी स्पीड और नेटवर्क की समस्या से काम और बाधित हो रहा है। मजदूरों की रोजी पर भी असर पड़ रहा है। काम छोड़कर लाइन में लगने से उनकी आमदनी रुक रही है। ग्राम प्रमुख अनिल टंडन ने कहा, यह संवेदनहीनता का त्योहार बन गया है। उन्होंने समय और स्टाफ बढ़ाने की मांग की है, लेकिन शासन की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है।