PLANTATION;’एक पेड़ मां के नाम’,घर-घर पौधा रोपण से ग्रामीण भी स्वस्फूर्त आगे आने लगे,अधिष्ठाता डॉ नशीने ने पौधों की सुरक्षा पर दिया जोर
नारायणपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर अंतर्गत संचालित लिंगों मुदियाल कृषि महाविद्यालय एवम अनुसंधान केंद्र नारायणपुर की अधिष्ठाता डॉ रत्ना नशीने के मार्गदर्शन में महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा 1 जुलाई से “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत नारायणपुर के आसपास के गांवों में घर-घर पौधारोपण किया जा रहा है। इसका असर यह हो रहा है कि अब ग्रामीण भी स्वस्फूर्त अपने बाडियों में फलदार पौधे लगा रहे है। अधिष्ठाता डॉ रत्ना नशीने ने पौधों की सुरक्षा पर जोर दिया है।
इस अभियान के दौरान कलेक्टर विपिन मांझी,अपर कलेक्टर बीरेंद्र बहादुर पंचभाई ने कॉलेज परिसर में आम एवम कटहल के पौधे लगाए। साथ ही उन्होंने महाविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे अभियान की प्रशंसा करते हुए विद्यार्थियों को अधिकाधिक पौधे लगाने हेतु प्रोत्साहित किया गया। अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु कृषि महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ रत्ना नशीने पहल पर ग्राम पंचायत बिंजली में सड़क किनारे, देवगुड़ी, घोटुल एवम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिंजली में भी सघन पौधारोपण किया गया है। अधिष्ठाता की सतत निगरानी में संचालित इस अभियान अंतर्गत सड़क के किनारे आम, नीम, पीपल, करंज, हर्रा, बेहड़ा एवं घरों में आम ,अमरूद, कटहल, आंवला, काजू, जामुन, नींबू इत्यादि पौधों का रोपण किया गया है। डॉ नशीने ने बतायाकि पौधारोपण तो सभी करते है लेकिन उसको बचाने की प्रभावी कोशिश करना भी हमारा कर्तव्य है। इसलिए महाविद्यालय द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत पौधारोपण को अधिक प्रभावी बनाने हेतु ग्राम पंचायत बिजली में रासेयो के स्वयंसेवको द्वारा जागरूकता रैली निकालकर प्रचार प्रसार किया गया। घर-घर जाकर मां एवम उनके परिजनों के नाम पर पौधे लगवा रहे है जिससे वे पौधों की उचित देखभाल करें।
अभियान के तहत अब तक 500 से ज्यादा पौधे रोपित किए जा चुके है। रासेयो द्वारा पौधारोपण से होने वाले लाभ, जलवायु परिवर्तन के दौर में पौधा रोपण का महत्व भी बताया जा रहा है। कार्यक्रम को सफल बनाने में कालेज की डॉ नीता मिश्रा, सहायक प्राध्यापक डॉ खेमलता ठाकुर, रासेयो स्वयं सेवकों नरोत्तम, मुकेश, अनिल, सुनील, थावीर, जयप्रकाश, निलेश, नवीन, धनराज, चंद्रशेखर सहित तुलसी, पीलूराम का विशेष सहयोग रहा।