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POLITICS;मोदी-शाह के रहते गुजरात में भाजपा को चुनौती देने की तैयारी,कांग्रेस ने बुलाया राष्ट्रीय अधिवेशन

अधिवेशन

गांधीनगर,  गुजरात में विधानसभा चुनाव अभी दूर है। लेकिन आगामी निकाय चुनाव को सेमीफाइनल मानते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने तैयारी शुरू कर दी है। लगभग 64 वर्ष बाद कांग्रेस ने यहां अहमदाबाद में 8 एवं 9 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है। वहीं, आप ने नए प्रभारी की नियुक्ति कर दिल्ली की हार से हताश अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने का प्रयास किया है। बहरहाल कांग्रेस ने तैयारी के साथ ही विभिन्न कमेटियों का गठन भी कर दिया है। देश भर के कांग्रेसी नेता यहां पहुंचेंगे।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह

पिछले तीन दशक से प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा विपक्षी दलों को कोई मौका न देकर पार्टी को मजबूत रखने व प्रदेश की जनता से संवाद बनाए रखने का प्रयास कर रही है। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की हाल के गुजरात दौरे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह जरूर नजर आ रहा है। भाजपा से मुकाबले से पहले कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं में इस बात की खुशी अधिक नजर आती है कि पार्टी आलाकमान ने स्वयं अब यह मान लिया है कि पार्टी के भीतर बैठे कुछ नेता भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान जल्द इनकी पहचान कर बाहर का रास्ता दिखाएगा।

कांग्रेस के कुछ नेता भाजपा के एजेंट

कांग्रेस में रहकर भाजपा के साथ जुगलबंदी करने वाले कुछ नेता आलाकमान की नजर में आ गए हैं। लेकिन कांग्रेस इस समय उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएगी, इसकी संभावना कम ही नजर आती है। वैसे गुजरात कांग्रेस के लिए खुशी की बात यह है कि राहुल गांधी के लोकसभा में नेता विपक्ष बनने तथा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के सांसद चुने जाने के बाद दोनों भाई-बहन पहली बार एक साथ गुजरात की धरती पर होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी पार्टी को शक्ति देने का काम करेगी।

कांग्रेस अकेले भाजपा से मुकाबला करने में सक्षम नहीं

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल तथा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य जगदीश ठाकोर का मानना है कि राष्ट्रीय अधिवेशन गुजरात कांग्रेस में नए प्राण फूंक देगा। कांग्रेस राज्य में अप्रत्याशित परिणाम ला सकेगी। लेकिन गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व आप के मत प्रतिशत को देखें तो पता चलता है कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन के बिना कांग्रेस अकेले भाजपा से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है।

आप ने गोपाल राय को गुजरात का प्रभारी व दुर्गेश पाठक को सहप्रभारी बनाया है। लेकिन वे राज्य में क्या कमाल दिखा सकेंगे, इस पर संशय है। चूंकि गत चुनाव में भाजपा ने अपना मत प्रतिशत न केवल 50 प्रतिशत के पार कर लिया बल्कि 182 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या रिकार्ड 161 तक पहुंच चुकी है।

आप के चार विधायक

कांग्रेस विधायकों की संख्या जहां 12 रह गई वहीं आप के चार विधायक हैं। हरियाणा व दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम बताते हैं कि कांग्रेस व आप अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को हरा पाना नामुमकिन है। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के रहते भाजपा को गुजरात के मैदान में चुनौती दिए जाने की बात आसानी से गले नहीं उतरती।

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