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MOU; सेल और कलिंगा कमर्शियल के बीच रावघाट खनन परियोजना हेतु 28 वर्षीय माइनिंग सर्विसेज एग्रीमेंट

नईदिल्ली, बस्तर में नक्सली उन्मूलन अभियान के साथ ही स्टील ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने अपनी रावघाट लौह अयस्क परियोजना के विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भुवनेश्वर स्थित मेसर्स कलिंगा कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ माइनिंग सर्विसेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता 14 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाली रावघाट खनन परियोजना के विकास एवं संचालन के लिए नए माइन डेवलपर-कम-ऑपरेटर (एमडीओ) के चयन के अंतर्गत किया गया है।
यह एग्रीमेंट 28 वर्षों की अवधि के लिए किया गया है, जिसमें प्रारंभिक तीन वर्ष निर्माण अवधि के रूप में निर्धारित किए गए हैं। इस दौरान नया एमडीओ खदान के सर्वांगीण विकास, अधोसंरचना निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी संभालेगा। परियोजना के शुरू होने से सेल के एकीकृत इस्पात संयंत्रों को लौह अयस्क की सतत और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे संगठन की दीर्घकालिक कच्चे माल की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
इस एग्रीमेंट पर सेल की ओर से मुख्य महाप्रबंधक (रावघाट) अनुपम बिष्ट और मेसर्स कलिंगा कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से निदेशक (वित्त) मनोज रंजन सामल ने हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर समारोह में कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) एस. मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) प्रवीण निगम, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (खदान) बिपिन कुमार गिरी, और कार्यपालक निदेशक (रावघाट) अरुण कुमार सहित भिलाई इस्पात संयंत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, परामर्शदाता सीईटी (कंसल्टिंग इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी) और कलिंगा कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस समझौते को रावघाट खदान परियोजना के त्वरित विकास, उत्पादन बढ़ोतरी, और लौह अयस्क आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है। यह परियोजना आने वाले वर्षों में सेल की उत्पादन क्षमता और आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक सिद्ध होगी।

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