RAIN;बेमौसम बरसात से खुले में रखा धान पानी में भीगा, किसान हलाकान
अंबिकापुर, सरगुजा के जशपुर जिले के पत्थलगांव ब्लाक के धान उपार्जन केंद्रॉ में रखा धान बुधवार की रात और गुरूवार की सुबह हुई वर्षा भीग गया। वहीं मंडी में व्याप्त अव्यवस्था के कारण धान बेचने आए किसानों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा।मंडी में भी रखा धान भीगने की खबर है।
गुरुवार सुबह बेमौसम हुई बारिश की वजह से धान खरीदी पर बुरा असर पड़ा है। दूसरी ओर धान खरीदी केंद्रों में खरीदी कर खुले में रखी धान की बोरियां पूरी तरह से भीग गई हैं। प्रबंधक की लापरवाही से बड़ा नुकसान होने की बात कही जा रही है। कोतमा उपार्जन केंद्र में मौसम खराब होने के कारण खरीदी बंद कर दी गई और 50 किसानों को बेरंग लौटना पड़ा। इससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि उनका धान खरीदी होगी या नही। जिले की सभी आदिम जाति सेवा सहकारी समिति प्रभारियो को हर तरह की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुरूप धान को बचाने के लिए व्यवस्था की गई है।
अधिकारियों के अनुसार संग्रहण केंद्र में धान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी केंद्र प्रभारियों की है। इसके बाद भी खुले में रखी धान की बोरियां भीग गई है। जो समिति प्रबंधक की घोर लापरवाही है। गुरुवार सुबह हुई अचानक बारिश ने व्यवस्थाओ की पोल खोल कर रख दी है। दो दिनों से खरीदी हो रहे धान को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी फड़ प्रभारी व समिति प्रबंधक की होती है।
कोतबा धान खरीदी केन्द्र में गुरुवार की सुबह लापरवाही का आलम देखने मिला जहां बिना सिले ही धान खरीदी कर हजारो बोरे धान खुले में छोड़ दिए गए थे। अचानक हुई बारिश में सारा धान भींग गया। महिला प्रबंधक उर्मिला पैंकरा ने कैप कवर कर खुले में रखी जा रही बोरियो को सुरक्षित रखने मंडी बोर्ड से भूसा बोरी नीचे लगाने प्लास्टिक तिरपाल आदि व्यवस्था के लिए पर्याप्त फंड मिलने के बावजूद इसकी सुध नही ली।