टीचिंग संस्थान

0 करीब 3000 टीचिंग इंस्टिट्यूशंस को कारण बताओ नोटिस, 4 महीने का समय देने के बाद भी इंस्टिट्यूशंस ने सरकार को नहीं सौंपी डिटेल रिपोर्ट
नईदिल्ली,देश के करीब 3000 टीचिंग इंस्टिट्यूशंस शक के दायरे में है। वैसे तो देश में 15500 टीचिंग इंस्टिट्यूशंस कोनेशनल कौंसिल फार टीचर एजुकेशन (NCTE) से मान्यता मिली हुई है, जिसमें ये तीन हजार भी शामिल है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने जरूरी फीडबैक और शिकायतों का आकलन करने के बाद इन सभी संस्थानों से 2021-22 और 2022-23 की परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PARs) फाइल करने को कहा, जिसके लिए चार महीनों तक का समय भी दिया गया।
करीब तीन हजार संस्थानों ने बार- बार कहने के बाद भी रिपोर्ट दाखिल नहीं की है और अब NCTE रिपोर्ट दाखिल ने करने वाले संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है। कुछ ऐसे संस्थानों के बारे में शिकायतें मिली थी कि बस छात्रों का रजिस्ट्रेशन तो होता है लेकिन न तो कोई इंफ्रास्ट्रक्चर होता है और ही पढ़ाने वाले होते हैं।
क्या बोले NCTE के चेयरमैन?
NCTE के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि जिन- जिन टीचिंग इंस्टिट्यूशंस को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं, उन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। अगले हफ्ते तक ऐसे सभी इंस्टिट्यूशंस को नोटिस भेज दिया जाएगा। एनसीटीई एक्ट 1993 के सेक्शन 17 (1) के तहत भेजे जा रहे इन नोटिस का मकसद बिल्कुल स्पष्ट है कि जो- जो मान्यता प्राप्त संस्थान हैं, वहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों की पड़ताल करना है।
कारण बताओ नोटिस के बाद भी जिनका जवाब नहीं आता, उनके बारे में गवर्निंग बॉडी फैसला लेगी और ऐसे संस्थानों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। मान्यता रद्द होने के बाद आम लोगों को कागजों पर चलने वाले संस्थानों की जानकारी देने के लिए गजट नोटिफिकेशन भी होगा ताकि छात्रों- पैरंट्स को यह पता रहे कि कौन- कौन से संस्थान अब मान्यता प्राप्त नहीं है।
इसके साथ ही जिन संस्थानों की अप्रेजल रिपोर्ट आ रही है, उनकी भी समीक्षा की जा रही है। जो भी कमियां होंगी, उनको दूर करने के लिए कहा जाएगा।
टीचिंग एजुकेशन में बड़े बदलाव
प्रो. पंकज अरोड़ा का कहना है कि देश में अब टीचिंग एजुकेशन में बड़े बदलावों का खाका तैयार किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के मुताबिक अब टीचिंग एजुकेशन सिस्टम की कमियों को दूर किया जा रहा है। एनसीटीई की ओर से ऑनलाइन इंस्पेक्शन किया जाता है। जिन संस्थानों ने रिपोर्ट नहीं भेजी है, वहां पर कई तरह के कोर्सेज चलाए जाने की बात कागजों में है लेकिन यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं ये संस्थान बिना नियमों का पालन किए तो नहीं चलाए जा रहे हैं।
डमी संस्थानों पर नकेल कसने की तैयारी
डमी टीचिंग संस्थानों, डमी टीचर्स और स्टूडेंट्स की पड़ताल करने के लिए परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट का फॉर्मूला लागू किया और इसका असर साफ नजर आ रहा है। टीचिंग प्रोग्राम की क्वॉलिटी में सुधार सबसे बड़ी प्राथमिकता है, जिसके लिए टीचिंग संस्थान में क्लासरूम टीचिंग से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर का पता लगाना बहुत जरूरी है।
अब टीचिंग के नए- नए कोर्स भी लाए जा रहे हैं, नये रेगुलेशंस भी आ गए हैं और 2026 से नए कोर्सेज भी होंगे। ये कोर्सेज किन- किन संस्थानों में चलाए जा सकते हैं, इसके लिए अप्रेजल रिपोर्ट काफी काम आएगी।