कानून व्यवस्था

EOW; कस्टम मिलिंग घोटाले में आरोपी अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर गिरफ्तार,छह दिन की पुलिस रिमांड, होगी पूछताछ

मिलिंग घोटाला

रायपुर, छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में ईऔरडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है। दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर जेल से अरेस्ट किया गया है। दोनों आरोपियों को पुलिस ने छह दिन की रिमांड पर लिया है, जहां दोनों से पूछताछ की जाएगी।

बता दें कि ईओडब्ल्यू ने इस प्रकरण में अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 11, 13(1)(क), 13(2), भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 384 (जबरन वसूली) एवं 409 (लोकसेवक द्वारा आपराधिक विश्वासभंग) के तहत मामला दर्ज किया है है।

जेल में बंद थे दोनों आरोपी

गौरतलब है कि अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर पहले से शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं, लेकिन इस कस्टम मिलिंग घोटाले में ईओडब्ल्यू की जांच के बाद इनकी संलिप्तता स्पष्ट होने पर आज विधिवत गिरफ्तारी की गई। जांच में सामने आया है कि दोनों ने मिलकर राज्य में चावल मिलर्स से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की सुनियोजित साजिश रची और उसे अंजाम तक पहुंचाया।

कोर्ट से पुलिस रिमांड

विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने के बाद दोनों आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, अब रिमांड के दौरान उन सभी कड़ियों को जोड़ा जाएगा जिनके माध्यम से इस घोटाले की रकम का प्रवाह हुआ और अन्य संभावित लाभार्थियों की पहचान की जाएगी। ईओडब्ल्यू इस पूरे प्रकरण की जांच तेजी से कर रही है और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासों की संभावना है। जांच एजेंसी अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।

क्या है पूरा मामला?

यह घोटाला वर्ष 2021–22 के दौरान रचा गया था, जब धान की कस्टम मिलिंग के लिए केंद्र सरकार से 62 लाख मीट्रिक टन की मंजूरी मिली थी। इसके बाद प्रदेश सरकार के भीतर कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने मिलर्स से दो किस्तों में अवैध वसूली का तंत्र खड़ा किया।

रिपोर्टों के अनुसार, इस योजना में राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रुंगटा, कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर, रामगोपाल अग्रवाल और सिद्धार्थ सिंघानिया जैसे नाम भी शामिल हैं। रोशन चंद्राकर द्वारा अलग-अलग जिलों से वसूली की गई राशि सिद्धार्थ सिंघानिया के माध्यम से अनवर ढेबर और फिर अनिल टुटेजा तक पहुंचाई गई।

Related Articles

Back to top button