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नईदिल्ली, दिल्ली-NCR में काफी नए अंदाज से कांपी धरती. मानो किसी ने झंझोड़ दिया हो. घर की खिड़की से सोफा तक ऐसे कांपा लगा कि कोई जोर से हिला रहा हो. लोग घर से भागते हुए नजर आए. उनका कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है. पंखा तो हिला नहीं मगर घर में बैठे लोग और दिवार तक हिल गई और एक अलग तरह की आवाज घर के बाहर से सुनाई दी. ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी प्रकार की आवाज आ रही है.
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार आज 05:36:55 IST पर रिक्टर पैमाने पर 4.0 की तीव्रता वाला भूकंप नई दिल्ली में आया.इन वजहों से लगे तेज झटके
- शहर के भीतर भूकंप का केंद्र होने पर झटके अधिक तेज महसूस होते हैं। इसकी वजह यह है कि भूकंपीय तरंगों को मैदानी इलाके की अपेक्षा किसी संरचना या इमारत तक पहुंचने में कम दूरी तय करनी पड़ती है। इससे कंपन बढ़ जाता है और झटके काफी शक्तिशाली महसूस होते हैं।
- रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 थी। इतनी तीव्रता वाले भूकंप को मध्यम श्रेणी पर रखा जाता है। झटके के पीछे तीव्र झटकों की एक वजह यह थी कि भूकंप का केंद्र काफी ऊपर था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र जमीन से महज 5 किमी नीचे था। घनी आबादी और कम गहराई में केंद्र होने की वजह से झटके तेज थे।
- दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र IV में रखा जाता है। इस वजह से मध्यम से शक्तिशाली भूकंप का खतरा यहां हमेशा बना रहता है। विषेशज्ञों का मानना है कि उंची इमारतें अपनी डिजाइन की वजह से तेज हिलती हैं। इससे भी कंपन बढ़ता है। दिल्ली सक्रिय फॉल्ट लाइनों पर पड़ता है। इस वजह से यहां भूकंप अधिक आते हैं।
- दिल्ली एनसीआर में ऊंची इमारतों की संख्या अधिक है। गाजियाबाद, नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम में मौजूद इन ऊंची इमारतों की वजह से कंपन अधिक होता है। दरअसल, यह इमारतें अधिक हिलती हैं।
- तेज झटकों के पीछे दिल्ली की मिट्टी भी एक वजह है। यहां के कुछ भागों की मिट्टी नरम जलोढ़ है। इसकी वजह से भूकंप तरंगों की वृद्धि हो सकती है। इससे झटके तेज होते हैं।सक्रिय फॉल्ट लाइनों पर बसी दिल्ली
दिल्ली-हरिद्वार रिज और महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट लाइन पर दिल्ली बसा है। इस वजह से यहां हमेशा भूकंप का खतरा रहता है। बता दें कि रिएक्टर स्केल पर थोड़ा भी बदलाव एक बड़े भूकंप की वजह बन सकता है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के मुताबिक दिल्ली-हरिद्वार रिज और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट में 8.0 तीव्रता का भूंकप लाने की क्षमता है। आकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 1720 के बाद 5.5 से 6.7 तीव्रता के सिर्फ पांच भूकंप ही रिकॉर्ड किए गए। भूकंप के लिहाज से दिल्ली उच्च जोखिम क्षेत्र में आता है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में कई अन्य फॉल्ट भी हैं। हिमालय के करीब होने की कारण भी यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। दिल्ली के आसपास महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट, मुरादाबाद फॉल्ट, सोहना फॉल्ट, ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट, दिल्ली-सरगोधा रिज, यमुना नदी रेखाखंड, गंगा नदी रेखाखंड मौजूद हैं। इस वजह से भी भूकंप का खतरा अधिक होता है।