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MURDER; 8 साल बाद खुला डॉक्टर दंपति की हत्या का राज, पत्नी को पति ने जिस पत्थर से कुचला,उसी पत्थर से ड्राइवर ने डॉक्टर को मौत के घाट उतारा

चालक गिरफ्तार

दुर्ग, छत्तीसगढ़ के कवर्धा में 8 साल पहले हुए डॉक्टर दंपत्ति की निर्मम हत्या के मामले में कवर्धा एसपी धर्मेन्द्र सिंह छवाई ने तकनीकी और सटीक जांच के जरिये इस जघन्य वारदात की गुत्थी सुलझा ली है. वारदात को अंजाम देने वाला और कोई नहीं बल्की उनका ड्राइवर ही निकला. 1.50 लाख रुपए के लिए उसने डॉक्टर पति को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी ने सिर्फ एक की ही हत्या की है. डॉक्टर पति ने अपनी पत्नी की पत्थर से हत्या की थी. 

पूरा मामला 3 अप्रैल 2017 का है. जहां जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर दंपत्ति, डॉ. गणेश सूर्यवंशी और उनकी पत्नी डॉ. उषा सूर्यवंशी की खून से लथपथ लाश उनके रामनगर स्थित घर में मिली थी. इस वारदात से पूरे शहर में हड़कंप मच गया था. लेकिन हत्याकांड का आरोपी तब से फरार था. आरोपी हत्या के बाद दुर्ग फरार हो गए था, लेकिन कुछ समय बाद वे बाइक से मुंह पर स्कार्फ बांधकर मौके की रेकी करने लौटे था. 

ड्राइवर से उधारी के पैसे को लेकर था विवाद 

पुलिस जांच में सामने आया है कि डॉक्टर दंपत्ति का पूर्व ड्राइवर सत्यप्रकाश साहू ही डॉक्टर पति की हत्या का जिम्मेदार है. आरोपी ने डॉक्टर गणेश सूर्यवंशी को 1 लाख 50 हजार रुपये उधार दिए थे. 3 अप्रैल की रात वह पैसे की वसूली के लिए डॉक्टर के घर पहुंचा था. घर पर डॉक्टर पति-पत्नी एक दूसरे से लड़ाई झगड़ा कर रहे थे.

खौफनाक दृश्य देख ड्राइवर सत्याप्रकाश घबरा गया

आरोपी के बयान के अनुसार, विवाद इतना बढ़ा कि डॉक्टर ने दरवाजा रोकने वाले वजनदार पत्थर से अपनी पत्नी के सिर पर हमला कर दिया. आक्रोश में पत्नी ने भी डॉक्टर पर हमले की कोशिश की. घायल पत्नी जमीन पर नीचे गिर गई तब डॉक्टर ने दोबारा वार कर उसके मौत के घाट उतार दिया. मौके पर खौफनाक दृश्य देख ड्राइवर सत्याप्रकाश घबरा गया. उसे डर लगने लगा कि कहीं आक्रोश में डॉक्टर उसकी भी हत्या कर सकता है. 

डाक्टर की मोबाईल को गंडई में 1900 रुपये में गिरवी रखा

आरोपी ने डॉक्टर को धक्का देकर गिराया और फिर पत्थर से उसके ऊपर वार कर उसकी हत्या कर दिया. वारदात के बाद आरोपी ने खून के धब्बे को साफ किया और दोनों के शवों को आंगन तक खींचकर लाया. फिर वह सुबह 5 बजे बस से दुर्ग के लिए फरार हो गया. आरोपी ड्राइवर अपने साथ डॉक्टर के मोबाइल को लाया था, जिसे उसने गंडई में 1900 रुपये में गिरवी रखा था.

तकनीकी जांच से मिली सफलता 

इस केस को सुलझाने के लिए कई IPS अधिकारी आए और चले गए, लेकिन धर्मेन्द्र सिंह छवाई ने एसपी की कमान संभाली तो हत्याकांड में टेक्निकल एनालिसिस के जरिए आरोपी तक पहुंचने में सफलता पाई. आरोपी ड्राइवर को जब हिरासत में लिया गया और सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने अपराध कबूल कर लिया.

अनबन थी दंपत्ति के बीच 

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि डॉक्टर दंपत्ति के बीच पारिवारिक अनबन चल रही थी और दोनों अलग-अलग कमरों में सोते थे. यही वजह रही कि वारदात के वक्त कोई बचाव नहीं हो सका.

आईजी ने किया था इनाम घोषित 

इस हाई प्रोफाइल मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आईजी रेंज ने इनाम की घोषणा भी की थी. आईजी अभिषेक शांडिल्य (IPS) ने 30 हजार रुपये और एसपी धर्मेन्द्र सिंह (IPS) ने 10 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी. आखिरकार आठ साल बाद एसपी छवाई की मेहनत रंग लाई और एक लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

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