कानून व्यवस्था

COURT;पार्सल बम भेजकर दूल्हे और उसकी दादी की हत्या करने वाले व्याख्याता को उम्रकैद…

कोर्ट

संबलपुर, रायपुर से सात साल पहले ओडिशा के बोलांगीर जिले में भेजे गए पार्सल के धमाके से नवविवाहित सौम्य शेखर साहू और उनकी दादी जेमामनी की मृत्यु हो गई थी, जबकि नवविवाहिता रीमा रानी साहू गंभीर रूप से घायल हुई थीं। इस मामले में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने अंग्रेजी लेक्चरर पुंजीलाल मेहर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर एक लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत के इस फैसले के बाद पुंजीलाल मीडियाकर्मियों पर भड़क गया और गाली-गलौज की।

कॉलेज का प्रिंसिपल नहीं बना तो हुई जलन

पुलिस के अनुसार, यह घटना शादी के पांच दिन बाद 23 फरवरी 2018 को घटी थी। आरोपी पाटनागढ़ के भैंसा स्थित ज्योति विकास कॉलेज का प्रिंसिपल बनना चाहता था। लेकिन, दूल्हे की मां संयुक्ता को पुंजीलाल की जगह कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया। इस पर उसने संयुक्ता के पूरे परिवार को खत्म करने की योजना बनाई। शादी के गिफ्ट के तौर पर पार्सल बम तैयार कर संयुक्ता के घर कूरियर भेज दिया। यह पार्सल बम शादी के पांच दिन बाद 23 फरवरी 2018 को प्राप्त हुआ, जिसे खोलते ही विस्फोट हुआ।पुंजीलाल ने ऑटो वाले को एके शर्मा का आधार कार्ड दिया और पार्सल बुक करवाने के लिए भेज दिया। कूरियर का कैमरा खराब था, इसलिए किसी का फुटेज नहीं आया।

ऑटोवाला कूरियर करने के बाद लौटा और पुंजीलाल उसी आटो से स्टेशन चला गया। उसने शाम छह बजे की ट्रेन पकड़ी। जब पूरा मामला खुला, तो पुलिस ने उस वक्त के स्टेशन के फुटेज चेक किए। उसमें पुंजीलाल यहां आता और वापस होता भी दिख गया और इस तरह कड़ियां जुड़ गईं।

पाटनागढ़ में चालू मोबाइल छोड़कर आया था रायपुर

अंग्रेजी के लेक्चरर पुंजीलाल ने यू-ट्यूब से सीखकर पार्सल बम तैयार किया था। लोकेशन पाटनागढ़ दिखती रहे, इसलिए ऑन मोबाइल वहां छोड़कर पुंजीलाल ट्रेन से रायपुर आया। अपने एक छात्र की आईडी से पार्सल ऑटो रिक्शे वाले को भेजकर बुक करवाया और लौट गया।

वारदात के एक माह बाद तक पुलिस को यही शक था कि आरोपी रायपुर का ही है। प्रोफेसर ने तय किया कि पार्सल बम वह रायपुर से खुद ही कूरियर करेगा। वह ट्रेन से 15 फरवरी 2018 को रायपुर आया। वह अपने साथ कॉलेज के ही छात्र एके शर्मा का आधार कार्ड लाया था। स्टेशन पहुंचते ही उसने कूरियर के बारे में पता किया। ऑटो करके वह स्टेशन चौक के ही एक कूरियर में पहुंचा। लेकिन वहां प्रक्रिया इतनी लंबी थी कि वह वहां से निकल गया और पूछताछ करता हुआ वह फाफाडीह के स्काई किंग कोरियर कंपनी के सामने पहुंच गया।

Related Articles

Back to top button