WILD LIFE; खतरनाक वायरस से हुई थी जंगल सफारी में 17 हिरणों की मौत
रायपुर, जंगल सफारी में 17 हिरणों की मौत एक खतरनाक वायरस एफएमडी यानी खुरचपका मुंद चपका से हुई है। इसकी पुष्टि राष्ट्रीय रोग अनुसंधान केंद्र बरेली (उत्तर प्रदेश) से मिली रिपोर्ट से हुआ है। डाक्टरों के मुताबिक यह सामान्यत शाकाहारी खुर वाले मवेशियों में पाया जाने वाला रोग है।
इधर, रिपोर्ट आने पर जंगल सफारी प्रबंधक की बेचैनी बढ़ गई है कि आखिर यह वायरस जंगल सफारी तक कैसी पहुंची। इसके लिए प्रबंधकों ने डाक्टरों की विशेष टीम गठित कर दी है। ये टीम अब नवा रायपुर के आसपास गांवों में जाएंगे और पता करेंगे कि अभी कौन से गांव में यह वायरस फैला है। इसके बाद असली वजह सामने आएगी कि सफारी का संबंध गांव से किस तरह से हुई।
गौरतलब है कि जंगल सफारी में 25 से 30 नवंबर के बीच 17 हिरणों की मौत हो गई थी। इससे प्रबंधकों में हड़कंप मचा हुआ था। फिलहाल बाड़े से छह हिरण को अन्य जगह पर शिफ्ट कर दिया। इसके अलावा एक नीलगाय में भी लक्षण पाए गए। जहां सभी का डाक्टर की टीम निगरानी कर रहे हैं।
दरअसल, अब जंगल सफारी में प्रबंधक ने विसरा नमूनों को भेजकर देश के विभिन्न जू जैसे नंदन कानन जू भुवनेश्वर (ओडिशा), कान्हा टाइगर रिजर्व, नंदनवन जू रायपुर, कानन पेंडरी जूलाजिकल गार्डन बिलासपुर में ऐसे ही संक्रामक रोगों से हुई मृत्यु के संबंध में भी वन्यप्राणी चिकित्सकों से जानकारी ली है। फिर यहां रोकथाम के आवश्यक उपाय जू प्रबंधक द्वारा किए गए हैं।
रोग का संक्रमण फोमाइट्स के माध्यम से एक जानवर से दूसरे जानवर में आपसी संपर्क, संक्रमित हुए भोजन-पानी या कई बार मानव या अन्य साधनों से हो सकता है। यह एक संक्रामक जनित रोग है, जिसकी चपेट में कई बार पूरे गांव के मवेशी आ जाते हैं।