पूर्व सीएम रमन सिंह को बड़े अंतर से हरायेंगे; कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन बोले-राजनांदगांव में लड़ाई किसान और किसानों के शोषक के बीच
0 मैं राजनांदगांव का भांचा राम, दशहरा नजदीक है; पूर्व CM को बधाई दी
रायपुर, राजीव भवन में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष एवं राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि पार्टी ने मुझे राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के प्रत्याशी रमन सिंह के खिलाफ उम्मीदवार बनाया है। मैं पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूॅ। उन्होंने कहा कि मैं पेशे से कृषक हूं। मेरी आजीविका का साधन खेती और किसानी है। राजनांदगांव का यह चुनाव एक किसान और किसानों के शोषक के बीच है।
हुंकार भरते हुए श्री देवांगन ने कहा कि यह चुनाव उन रमन सिंह के खिलाफ है जिनके 15 साल तक मुख्यमंत्री रहते प्रदेश से 15 लाख किसानों ने आत्महत्या किया था। जिन्होंने 2008, 2013 के चुनाव में किसानों से धान पर बोनस देने का वायदा कर नही दिया। जिन्होंने धान की कीमत 2100 रूपये देने का वायदा कर किसानों का वोट तो ले लिया लेकिन धान की न तो कीमत 2100 दिया और न ही 300 बोनस दिया। जो भूपेश सरकार के द्वारा 2500 में धान खरीदी का विरोध करते रहे, जिनके किसान विरोधी चरित्र के कारण भूपेश सरकार ने किसानों को 2500 देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर 9000 रूपये और 10000 रूपये प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देना शुरू किया।
बाहरी प्रत्याशी के मुद्दे पर राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन ने कहा कि जैसे भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांचा (भांजे) हैं, वैसे ही राजनांदगांव का भांचा राम मैं हूं.. दशहरा भी करीब है। यह कहकर गिरीश कुछ सेकंड रुके और फिर हंसने लगे। इसके बाद उन्होंने नवरात्र की बधाई देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को उनके जन्मदिन की भी बधाई दी ।
श्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश के किसानों का आर्शीवाद हमारे साथ है। गिरीश देवांगन किसानों के प्रतिनिधि के रूप में राजनांदगांव से चुनाव लड़ रहा है, हम बड़े अंतर से रमन सिंह को हरायेंगे। राजनांदगांव की बदहाली चुनाव में बड़़ा मुद्दा होगा। राजनांदगांव की जनता के आर्शीवाद से सांसद और तीन बार मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने के बाद उसी राजनांदगांव की उपेक्षा करते रहे। मैं राजनांदगांव के समग्र विकास के लिये चुनाव मैदान में हूॅ।
ऋण लेकर धान खरीदती है सरकार
श्री देवांगन ने कहा कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता छत्तीसगढ़ में आकर लगातार झूठ बोल कर जाते है कि छत्तीसगढ़ धान खरीदी केंद्र सरकार करती है। छत्तीसगढ़ में धान कांग्रेस सरकार अपने खुद के दम पर खरीदती है धान खरीदने में केन्द्र सरकार का एक पैसे का भी योगदान नहीं है। राज्य सरकार धान खरीदी मार्कफेड के माध्यम से करती है इसके लिये मार्कफेड विभिनन वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेती है तथा इस ऋण के लिये बैक गारंटी राज्य सरकार देती है तथा धान खरीदी में जो घाटा होता है उसको भी राज्य सरकार वहन करती है पिछले वर्ष मार्कफेड ने लगभग 35000 करोड़ का ऋण धान खरीदी के लिये लिया था। मोदी सरकार तो घोषित समर्थन मूल्य से 1 रूपये भी ज्यादा कीमत देने पर राज्य सरकार को धमकाती है कि वह राज्य से केन्द्रीय योजनओं के लिये लगने वाला चावल नही खरीदेंगे। अकेली छत्तीसगढ़ सरकार है जो अपने धान उत्पादक किसानों को देश में सबसे ज्यादा कीमत देती है। छत्तीसगढ़ के किसानों को पिछले वर्ष धान की कीमत 2640 मिली, उत्तरप्रदेश, गुजरात, जैसे राज्यों में तो किसानों को धान का मूल्य 1100 रूपये मिलता है।