स्वास्थ्य

बच्चों को शीघ्र डायलिसिस से अधिक लाभ नहीं

0 एम्स में 36 किडनी रोग पीड़ित बच्चों पर शोध का निष्कर्ष, एम्स की डीएम छात्रा को इस शोध के लिए मिला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 36 किडनी रोग पीड़ित बच्चों पर किए गए शोध से निष्कर्ष निकला है कि उन्हें शीघ्र डायलिसिस से कोई अधिक लाभ नहीं मिलता है। उनकी स्थिति वही रहती है जो बाद में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार डायलिसिस देने पर होती है। एम्स की डीएम छात्रा के इस शोध को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना मिली है और उन्हें इसके लिए पुरस्कृत किया गया है।

बाल रोग विभाग के अतिरिक्त प्राध्यापक डॉ. अतुल जिंदल के निर्देशन में डीएम छात्रा डॉ. के. प्रत्युषा द्वारा किडनी रोग से पीड़ित 36 बच्चों पर यह शोध किया गया। इसके लिए बच्चों के अभिभावकों को पूरी प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उनकी लिखित सहमति भी ली गई। शोध में दो समूह बनाकर बच्चों के डायलिसिस से पूर्व और इसके पश्चात स्वास्थ्य को जांचा गया।

इसमें प्रथम समूह (अर्ली ग्रुप) उन बच्चों का था जिन्हें किडनी रोग पता लगने के छह घंटे के अंदर उपचार प्रदान किया गया और दूसरा समूह (कंवेंशनल ग्रुप) वह था जिसे सामान्य प्रक्रिया के अनुसार उपचार प्रदान किया गया। शोध छात्रा ने पाया कि दोनों समूहों के बच्चों की दशा में कोई अधिक अंतर नहीं था। यह शोध 90 दिन तक किडनी रोग पीड़ित बच्चों पर किया गया।

डॉ. प्रत्युषा ने यह शोध ‘अर्ली वर्सेज कंवेंशनल इनीशिएशन ऑफ रीनल रिप्लेसमेंट थैरेपी इन चिल्ड्रेन विद एक्यूट किडनी इंजरी’ शीर्षक से अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में लंदन में प्रस्तुत किया जिसे विशेषज्ञों ने काफी सराहा और उन्हें रमेश-रूपेश शोध पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार क्रिटिकल केयर नेफ्रोलॉजी इन चिल्ड्रेन को ओर से प्रदान किया गया।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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