अपोलो प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ अपराध दर्ज;पेट में दर्द होने पर युवक की मौत, डॉक्टर ने बताया था जहर
बिलासपुर, पेट दर्द की शिकायत पर अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती युवक की मौत हुई तो प्रबंधन ने जहर का केस बता दिया। मगर इसकी सूचना इलाज के दौरान पुलिस को नहीं दी। फोरेंसिक व पुलिस की जांच में जहर के कारण मौत की जानकारी नहीं आई। इसके आधार पर पुलिस ने अपोलो प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
दयालबंद आदर्श कॉलोनी निवासी गुरवीन छाबड़ा उर्फ गोल्डी (29 वर्ष) की पिछले साल 26 दिसंबर को अपोलो हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 25 दिसंबर 2022 को पेट दर्द होने पर परिजनों ने उसे भर्ती कराया था। परिजनों ने अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों पर गलत इलाज करने का आरोप लगाया था। अपोलो हॉस्पिटल ने जहर के कारण मौत होने की जानकारी दी थी।
सिम्स में पोस्टमार्टम के बाद विसरा प्रिजर्व किया गया था। स्टेट फोरेंसिक लैब में इसकी जांच कराई गई। इसमें यह पाया गया कि जहर खाने के कारण मौत नहीं हुई है। इस संबंध में संभागीय मेडिकल बोर्ड ने जांच की। 2 फरवरी को जांच रिपोर्ट में कई खामियां बताई गई। पुलिस ने अपने स्तर पर जांच कराई। इलाज करने वाले डॉक्टर ने जहर खुरानी का केस होने के बाद भी पुलिस को सूचना नहीं दी थी। यह बड़ी लापरवाही सामने आई। इसकी पुष्टि डॉ. विकास कुमार ध्रुव प्रभारी निदेशक मेडिको लीगल संस्थान गृह (पुलिस) के अभिमत से हुई। मौत के लिए अपोलो प्रबंधन और डॉक्टर को जिम्मेदार माना गया है।