एनआईटी रायपुर में नवप्रवेशी बी.टेक. और बी.आर्क.के विद्यार्थियों के लिए किया गया एक इंडक्शन प्रोग्राम
0 संस्थान के डायरेक्टर ने दिया “मीटिंग द डेडलाइन नहीं बीटिंग द डेडलाइन का मंत्र”*
रायपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर ने 13 सितंबर, 2023 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में एक इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया । इस कार्यक्रम का उद्देश्य नव प्रवेशित बी.टेक., बी. आर्क. छात्रों का स्वागत और उन्हें संस्थान की संस्कृति, शैक्षणिक संरचना और विभिन्न क्लबों और समितियों से परिचित कराना रहा ।
इस कार्यक्रम में एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव, डीन (अकादमिक) डॉ. श्रीश वर्मा, प्रमुख, कैरियर डेवलपमेंट सेल (सी.डी.सी.), डॉ. समीर बाजपेयी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. शुभोजीत घोष, डीन (छात्र कल्याण) डॉ. नितिन जैन, मुख्य वार्डन (गर्ल्स हॉस्टल) डॉ. शुभ्रता गुप्ता, मुख्य वार्डन (प्रभारी), (बॉयज़ हॉस्टल) डॉ. आयुष खरे शामिल रहे |
उद्घाटन से पूर्व विभिन्न क्लबों व समितियों के प्रमुखों ने अपने-अपने क्लब के बारे में जानकारी दी. उन्होंने छात्रों को विभिन्न क्लब समितियों में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद उद्घाटन समारोह के दौरान, डीन (अकादमिक) डॉ. श्रीश वर्मा ने एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन.वी. रमन्ना राव को पौधा देकर सम्मानित किया।
डॉ. राव ने एनआईटी रायपुर में प्रवेश पर छात्रों को बधाई देते हुए उन्हें भविष्य में विभिन्न उपलब्धि हासिल कर संस्था का ब्रांड एंबेसडर बनने के लिए प्रोत्साहित किया और ज्ञान की बहुमूल्य बातें साझा कीं। उन्होंने सफलता की खोज में विनम्रता, ज्ञान की प्यास, अनुकूलनशीलता और जुनून के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सफलता के आवश्यक तत्वों के रूप में कड़ी मेहनत, नवीन सोच और कार्य को समय सीमा में पूरा करने पर जोर दिया।
उन्होंने एनआईटी रायपुर के इतिहास के बारे में बातें साझा की , जिसमें 1956 में इसकी स्थापना, विकास, संकाय सदस्यों की भर्ती और पुस्तकालय, छात्रावास, प्रयोगशालाओं और खेल सुविधाओं जैसी विभिन्न सुविधाओं और उनका निरंतर होता विकास शामिल रहा।
डॉ. श्रीश वर्मा ने छात्रों को बधाई दी और सीखने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. शुभोजित घोष ने परीक्षा प्रक्रिया, ग्रेडिंग प्रणाली और एसपीआई (सेमेस्टर प्रदर्शन सूचकांक) और सीपीआई (संचयी प्रदर्शन सूचकांक) की गणना के बारे में बताया। उन्होंने परीक्षाओं में अनुचित साधनों के उपयोग पर दिए जाने वाले दंड की भी जानकारी दी।
डॉ. नितिन जैन ने छात्रों के लिए तीन प्रमुख उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। डिग्री प्राप्त करना, प्लेसमेंट हासिल करना और एक पूर्ण छात्र जीवन का आनंद लेना। डॉ. आयुष खरे ने लड़कों के छात्रावास, उनकी सुविधाओं और निवासियों के लिए नियमों के बारे में जानकारी साझा की। डॉ. शुभ्रता गुप्ता ने गर्ल्स हॉस्टल का परिचय दिया और वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की ।
डॉ. समीर बाजपेयी ने करियर डेवलपमेंट सेल (सीडीसी) और छात्रों को उनके करियर की योजना बनाने में मदद करने में इसकी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने करियर योजना, पूर्व छात्रों के साथ नेटवर्किंग, स्वॉट (swot) विश्लेषण करने और हार्ड और सॉफ्ट दोनों कौशल विकसित करने के महत्व पर जोर दिया।मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. चेतना शर्मा राजपूत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
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