ओडिशा के समुद्र तट पर अंडे देने पहुंचे 3 लाख ओलिव रिडले कछुए, टूट सकता है पिछले साल का रिकॉर्ड
भुबनेश्वर, ओडिशा के केंद्रापाड़ा जिले में 72 घंटों के भीतर अब तक तीन लाख से अधिक ओलिव रिडले कछुए गहिरमाथा समुद्र तट पर पहुंच चुके हैं। गहिरमाथा समुद्री सरीसृप प्रजातियों का दुनिया का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है।
गहिरमाथा वन रेंज अधिकारी बिचित्रांदा बेहरा ने बताया कि गहिरमाथा के नासी-2 समुद्र तट पर गुरुवार रात से कछुओं का सामूहिक घोंसला बनाना शुरू हो गया है। हमारी गिनती के अनुसार, 2,14,058 कछुओं ने गुरुवार को अंडे दिए और अगले दिन सामूहिक घोंसले के लिए 88,605 कछुये और पहुंचे। गहिरमाथा समुद्र तट पर नौ मार्च से अब तक तीन लाख से अधिक कछुए आ चुके हैं।
पिछले साल पांच लाख से ज्यादा ओलिव रिडले कछुए अंडे देने के लिए गहिरमाथा पहुंचे थे। बेहरा ने कहा कि इस साल की गिनती पिछले सीजन की तुलना में अधिक होने की संभावना है।गंजाम जिले में एक और समुद्र तट रुशिकुल्या पर बड़े पैमाने पर घोंसले के निर्माण स्थल पर 23 फरवरी से आठ दिनों में सामूहिक घोंसले के निर्माण के लिए 6.37 लाख से अधिक ओलिव रिडले समुद्री कछुओं की रिकॉर्ड संख्या देखी गई।
बेहरा ने कहा कि हम अगले 2-3 दिनों में गहिरमाथा में हम कछुओं की एक बड़ी मण्डली के आने की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि एक सप्ताह तक कछुओं की बड़े पैमाने पर घोंसला बना सकते हैं।एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मादा ओलिव रिडले कछुए अंडे देने के लिए आमतौर पर रात के अंतिम पहर में तटों पर पहुंच रही हैं। वे आमतौर पर लगभग 120-150 अंडे देती हैं और समुद्र में लौट जाती हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, समुद्र में प्रवेश करने वाले प्रत्येक 1,000 कछुओं के बच्चों में से केवल एक कछुआ ही वयस्कता तक पहुंच पाता है। आमतौर पर अंडों से बच्चे 45-60 दिनों के बाद निकलते हैं।