कंजक्टिवाइटिस रोगियों के सैंपल की जांच में 84% में संक्रामक ह्यूमन एंटिरोवायरस
0 विशेषज्ञों ने कहा-घबराने की नहीं सावधानी की आवश्यकता, दवा और आंख की नियमित सफाई जरूरी
0 एम्स में 30 सैंपल की जांच में 21 में मिला ह्यूमन एंटिरोवायरस, इससे दूसरे आंख में संक्रमण अधिक होने की संभावना
रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 30 कंजक्टिवाइटिस रोगियों के सैंपल में से 21 में ह्यूमन एंटिरोवायरस पाया गया है। इनमें से अधिकांश सैंपल रायपुर के हैं। यह अधिक संक्रमण फैलाता है। अतः चिकित्सकों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।
एम्स के नेत्र रोग विभाग में कंजक्टिवाइटिस रोगियों के एक से 10 अगस्त तक सैंपल एकत्रित किए गए। इन्हें जांच के लिए एम्स की राज्य स्तर की वीआरडी लैब में भेजा गया। इनमें से 26 सैंपल छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के थे जिनमें रायपुर (15), बिलासपुर और दुर्ग (3) और एक प्रत्येक जशपुर और महासमुंद जिले के थे। शेष अन्य जिलों से प्राप्त हुए थे। इनके अतिरिक्त केरल, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के एक-एक सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए थे।
उक्त सैंपल्स के आरटीपीसीआर टेस्ट में 21 सैंपल (84 प्रतिशत) में ह्यूमन एंटीरोवायरस पाया गया। जबकि एक सैंपल इसके साथ ही हर्फिज सिंप्लेक्स वायरस-2 भी पाया गया। इन 21 रोगियों में 17 पुरुष और 4 महिलाएं थी। इन सैंपल की जांच विभिन्न वायरस की उपस्थिति पता करने के लिए की गई थी।
नेत्र रोग विभाग की सह-प्राध्यापक डॉ. विजया साहू ने बताया कि ह्यूमन एंडीनोवायरस की तुलना में एंटीरोवायरस अधिक संक्रामक होता है। इसमें एक आंख के साथ दूसरी आंख में भी कंजक्टिवाइटिस होने की संभावना अधिक होती है। हालांकि इस वायरस से पीड़ित रोगियों को भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। इससे कॉर्निया या नेत्र ज्योति को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। यह एंटीबायोटिक ड्राप के प्रयोग और आंख की नियमित सफाई से छह से सात दिन के अंदर ठीक हो जाता है।
वीआरडी लैब में ह्यूमन एंटीरोवायरस का अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ. अनुदिता भार्गव और डॉ. संजय सिंह नेगी के निर्देशन में किया गया। टीम में वैज्ञानिक कुलदीप शर्मा, डॉ. पुष्पेंद्र सिंह, मो. रफीक, अनु कुमारी और खुशबू शामिल थी। वीआरडी लैब इससे पूर्व भी गैस्ट्रोएंट्रिटिस और खसरा के संक्रमण की जांच कर चुकी है। इसके साथ ही प्रदेश के अंदर कोविड-19 के सैंपल की जांच भी पहले इसी लैब में प्रारंभ हुई थी बाद में छत्तीसगढ़ के साथ झारखंड में कोविड-19 की जांच की सुविधा भी वीआरडी लैब के निर्देशन में शुरू की गई थी।