ग्रामीणों को नल कनेक्शन देने दो हजार करोड़ का प्रावधान;41% ग्रामीण परिवारों को नल कलेक्शन
रायपुर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार के विभागों से संबंधित 01 हजार 578 करोड़ 35 लाख 61 हजार रुपए की अनुदान मांगें आज विधानसभा मे सर्वसम्मति से पारित कर दी गई है। अनुदान मांगों में लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग के लिए 1433 करोड़ 66 लाख 32 हजार रुपये और ग्रामोद्योग विभाग के लिए 144 करोड़ 69 लाख 29 हजार रुपये शामिल है।
लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री गुरू रुद्रकुमार ने अनुदान मांगों पर चर्चा के जवाब में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार मिनीमाता अमृतधारा नल योजना प्रारंभ की है। योजना के तहत 73 हजार 584 घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि प्रदेश में 02 लाख 61 हजार से अधिक हैंड पंपों के माध्यम से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। विभाग ने प्रदेश के नगरीय निकाय क्षेत्रों में भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में 168 नगरीय निकाय हैं। नगरीय क्षेत्रों में नलकूप खनन के लिए 03 करोड़ 14 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने बताया कि प्रदेश में चार वर्ष पहले केवल 7 प्रतिशत ग्रामीणों को ही पेयजल की उपलब्ध हो रही था। हमारी सरकार द्वारा राज्य में जल-जीवन मिशन के तहत कुल 50 लाख 08 हजार ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन से लाभान्वित किए जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। अब तक 20 लाख 28 हजार से अधिक नल कनेक्शन प्रदान कर प्रदेश में 41 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अंतिम छोर के व्यक्ति को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन के तहत बजट में राज्यांश की राशि में 02 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि प्रदेश के लोगों के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के साथ ही राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गौठानों में भी मवेशियों के लिए पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। अब तक 01 हजार 363 गौठानों में पेयजल हेतु नलकूपों का खनन किया गया है। गौठानों में नलकूप के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।