छत्तीसगढ़ में फिर ED का छापा; विधायक और बड़े उद्योगपति समेत कई अन्य लोगों के ठिकानों पर दबिश
रायपुर, छत्तीसगढ़ में आज सुबह ED ने एक विधायक और बड़े उद्योग समूह के मालिक कमल सारडा समेत कई अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है। मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर हसौद के पास बहनाकाड़ी गांव के जमीन दलाल सुरेश बांदे और VIP करिश्मा अपार्टमेंट में एक सीए प्रतीक जैन के यहां भी ED ने दबिश दी है। गोरे परिसर स्थित कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल के दफ्तर में भी जांच जारी है।
भिलाई, बिलासपुर और रायगढ़ में भी छापे की खबर है। हालांकि एजेंसियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। लेकिन सुबह से ही विधायक समेत बाकी और लोगों के निवास के बाहर CRPF की फोर्स को जांच करने आए अधिकारियों को सुरक्षा देते देखा गया। जिनमें महिला और पुरूष दोनों ही अधिकारी शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत कई शहरों में एक बार फिर ईडी ने छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में कोयला कारोबारी सारडा ग्रुप, विधायक विनोद चंद्राकर और आइएएस, आइपीएस अधिकारियों के घर ईडी की टीम ने मंगलवार को सुबह दबिश दी। ईडी की छापेमारी इस बार उद्योगपतियों के साथ-साथ नेताओं और अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ हुई है। छापेमारी के दौरान ईडी की दिल्ली और छत्तीसगढ़ की टीम शामिल है।
ईडी की यह कार्रवाई कोयला परिवहन घोटाले में चल रही जांच से जुड़ी बताई जा रही है। खबर है कि ईडी की यह कार्रवाई रायपुर, भिलाई में चल रही है। बिलासपुर, रायगढ़ और कोरबा में भी टीम के मूवमेंट के संकेत हैं। इसके अलावा रायगढ़ जिले में भी ईडी के अधिकारियों के द्वारा एक उद्योगपति तथा एक जमीन कारोबारी के यहां दबिश देकर अघोषित आय से संबंधित दस्तावेज की छानबीन कर रही है। फिलहाल इसकी जानकारी अपुष्ट है, लेकिन घर के बाहर काफी गहमागहमी का माहौल बना हुआ है। गार्ड व अन्य कर्मचारी कुछ भी जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं।
इससे पहले ईडी ने कांग्रेस नेताओं के यहां दबिश दी थी। राष्ट्रीय अधिवेशन से ठीक पहले हुई छापेमारी कार्रवाई का कांग्रेस नेताओं ने विरोध भी किया था। पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव, प्रवक्ता आरपी सिंह और विनोद तिवारी के यहां ईडी की कार्रवाई हुई थी।
कोयला लेवी घोटाला में 500 करोड़ की उगाही, एक IAS और 9 लोग जेल में बंद
जांच एजेंसी ने बताया था कि छत्तीसगढ़ में ट्रांसपोर्ट किए जाने वाले हर टन कोयले पर 25 रुपए की अवैध वसूली की गई थी। इसमें राजनेता, सरकारी अफसर और व्यापारी शामिल थे। ED के मुताबिक, 2021 में 500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई थी। अक्टूबर 2022 में भी ED ने इस घोटाले के सिलसिले में 40 ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान 4 करोड़ कैश, करोड़ों की संपत्ति और दस्तावेज बरामद किए गए थे। इस मामले में एक IAS और 9 कारोबारी जेल में बंद हैं।