नवजात बच्चों को बीमारियों से बचाने नियमित टीकाकरण अभियान पर जोर
0 एम्स और डब्ल्यूएचओ की संयुक्त कार्यशाला में टीकाकरण की चुनौतियों पर चर्चा
रायपुर, कोविड-19 की वजह से बच्चों के टीकाकरण अभियान में हुए विलंब को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और विश्व स्वास्थ्य संगठन के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें टीकाकरण अभियान को सुदृढ़ बनाने के उपायों और इन्हें प्रभावी रूप से लागू करने पर जोर दिया गया।
एम्स के बाल रोग विभाग और डब्ल्यूएचओ, छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में मुख्य रूप से नियमित टीकाकरण अभियान में कोविड-19 की वजह से हुई देरी को रेखांकित किया गया। इसमें डब्ल्यूएचओ द्वारा नियमित रूप से चलाए जाने वाले टीकाकरण अभियान जिसमें पोलियो, खसरा, रुबिला, डिप्थिरिया, काली खांसी और नवजात को टिटनेस शामिल है, को पुनः प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया गया। इस अवसर पर टीकाकरण अभियान में आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।
अधिष्ठाता (अकादमिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने इस प्रकार की कार्यशालाओं के आयोजन की आवश्यकता बताते हुए विभिन्न विभागों से टीकाकरण अभियान के अनुभवों से सीखने पर जोर दिया। इस अवसर पर डॉ. अनिल गोयल और डॉ. प्रणीत फटाले ने नियमित टीकाकरण के लाभ पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में डॉ. तुषार जगझापे, डॉ. अंजन गिरी, डॉ. मानस और डॉ. नितिन ने भी प्रस्तुति दी। इसमें एम्स के 11 विभागों के शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया।