नेशनल लोक अदालत में 1 लाख 47 हजार 930 प्रकरणों का निराकरण ;लाखों लोगों को मिला न्याय
रायपुर, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2023 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में माननीय न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार आज 13 मई को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये गये। करीब 1 लाख 47 हजार 930 प्रकरणों का निराकरण किया गया। लोक अदालत में पहली बार रायपुर में विभिन्न विधि विश्वविद्यालय जिसे एमिटी, कलिंगा छ०ग० लॉ कॉलेज के सैकड़ो विधि छात्र छात्रओं ने भाग लिया।
माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष शर्मा के दूरदर्शिता एवं सतत मार्ग दर्शन के परिणामस्वरूप नालसा की असंगठित क्षेत्र के श्रमिको विधिक सेवाएँ योजना 2015 के तहत जिले में पहली बार श्रमिक बंधु जो कि रायपुर जिले के निवासी है, के भुगतान संबंधी विगत 04 वर्षो से भी लम्बित प्रकरण जिसका जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर में काउंसिलिंग के माध्यम से निराकरण किया गया है, जिसके परिणाम स्वरूप 10 से मोहल्ला लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी डॉक्टर मनोज प्रजापति सभापति / अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत द्वारा घटना स्थल पर जाकर ही जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निराकरण किया मोहल्ले वासियों द्वारा उनका फूलों से स्वागत किये, उनके द्वारा 183 से अधिक प्रकरण घटना स्थल पर जाकर न्यायाधीश द्वारा निराकृत किया गया लगभग स्थलो ईरानी डेरा, बी.एस.सयू.पी. कालोनी, दलदलसिवनी, जोन क्रमांक-04, जोन क्रमांक 7 कुकुरबेड़ा, जोन क्रमांक 8 रायपुरा पर मोहल्ला लोक अदालत का आयोजन किया गया । उक्त लोक अदालत का न्याय तुहर द्वार योजना के तहत किया गया।
0कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की समझाइश पर बिटिया के भविष्य के लिए माता पिता विवाद भूलकर फिर से हुए एक
प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर हेमंत सराफ के खण्डपीठ ने तलाक लेने आये आवेदक जिसका विवाह 20.05.2007 को अनावेदिका के साथ बलौदाबाजार में हुआ था तथा आपस में पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव रहने लगा इस बीच उनकी एक पुत्री का जन्म हुआ जो अध्ययनरत है। अनावेदिका कई बार पारिवारिक विवाद के कारण आत्महत्या की प्रयास की थी तब पति ने उसे मनोरोग चिकित्सक के पास उपचार भी कराया था तथा उक्त संबंध में थाने में शिकायत प्रस्तुत की गयी थी। अनावेदिकर उसकी पत्नी 2020 की कोरोना काल में आवेदक को छोड़कर चली गयी थी, जिसके पश्चात आवेदक ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायालय के द्वारा लगातार दोनों पक्षों को कई पेशियों तक समझाया गया कि आप लोगों की एक पुत्री भी है, जिस हेतु आप लोग आपसी मनमुटाव छोड़कर एक साथ जीवन व्यतीत करे। अंततः दोनों पक्षकारों के द्वारा न्यायालय की परामर्श तथा राजीनामा हेतु समझाये जाने को स्वीकार कर पुनः नया जीवन साथ रहकर व्यतीत करने का फैसला लिया और आज आवेदक ने न्यायालय से अपना तलाक का आवेदन आपसी राजीनामा के आधार पर वापस लेते हुए नवीन जीवन की शुरुआत कराये जाने हेतु लोक अदालत को सफल बताकर अपने नवीन जीवन की शुरुआत हेतु मार्गदर्शी पाया है। बिटिया ने कहा कि, मैं भी बनूंगी न्यायाधीश । दोनो को समझाने पर उन्होने आपसी राजीनामा से प्रकरण का निराकरण किया और बिटिया के साथ राजीखुशी घर गये।
0 चेक बाउंस के मामले में 10 वर्ष से लम्बित प्रकरण में दोनो पक्षकारो ने राजीखुशी हुआ राजीनामा
उभय पक्ष के मध्य 15,00,000/- रूपये के चेक के लेन देन का 10 वर्षो से प्रकरण लम्बित चला आ रहा था, न्यायालय श्रीमती श्वेता उपाध्याय गौर के समझाईश पर नेशनल लोक अदालत में उभयपक्ष के मध्य हुआ राजीनामा दोनों राजीखुशी राजीनामा कर अपने घर गये । न्यायालय श्रीमती नेहा यति मिश्रा, की खण्पीठ में सर्वाधिक 181 चेक बॉउस के मामले नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए।
किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश श्रीमती अपूर्वा दांगी द्वारा विधिक से संघर्षरत किशोरों के उत्थान के लिए नेशनल लोक अदालत में सतत प्रयास करते हुए बाल सम्प्रेक्षण गृह रायपुर से 14 किशोरों को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत सुधारात्मक कदम बढ़ाते हुए उनके भविष्य की सुरक्षा हेतु शिक्षा के महत्व को बताते हुए जीवन में अग्रसर होकर समाजिक भूमिका के लिए रिहा किया गया।
इसी तरह श्रम न्यायालय- 25 प्रकरण, राजस्व न्यायालय- 93389 प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय- 103प्रकरण, छ०ग० राज्य परिवहन अधिकरण -08 प्रकरण, छ०ग० राज्य वाणिज्यिक न्यायालय -03 प्रकरण , न्यायालय में लम्बित 9,290 प्रकरण का निराकरण , प्री-लिटिगेशन एवं नगर निगम से मामले 45060 प्रकरण , जनोउपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरण 385 प्रकरण, मोहल्ला लोक अदालत के 183 प्रकरण सहित सभी प्रकार के राजीनामा योग्य 1,47,930लगभग प्रकरण का निराकरण हुआ।