पुलिस का हाल; 9 दिनों में 4 पुलिस अधिकारी रंगेंं हाथ गिरफ्तार, ASI ममता पर रिश्वत लेने का आरोप
भुबनेश्वर, विजिलेंस ने छापेमारी में एएसआई ममता बस्तीया को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए 15 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि महज नौ दिनों के अंतराल में चार पुलिस अधिकारियों को रिश्वत लेते पकड़ा गया है। पुलिस पर शराब माफिया ड्रग माफिया से मासिक पैसा लेकर उन्हें संरक्षण देने के भी आरोप हैं।
विजिलेंस ने 13 जुलाई को शहीदनगर थाने की एएसआई ममता बस्तीया को गिरफ्तार किया है। एएसआई ममता बस्तीया पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए 15 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप है। इसके अलावा, बालेश्वर जिले के चांदीपुर पुलिस स्टेशन के आईआईसी गणेश्वर प्रधान और एएसआई प्रदीप मोहंती को विजिलेंस ने एक शराब व्यापारी से 50,000 रुपये की मासिक रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
दो दिन बाद, विजिलेंस ने बौद्ध जिले के हरभंगा थाने की प्रभारी पुष्पलता राउतराय को पत्थर खदान पट्टाधारकों का कारोबार बिना किसी रोक-टोक के चलाने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। महज नौ दिनों के अंतराल में चार पुलिस अधिकारियों के रिश्वत लेते पकड़े जाने की घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है।
थाने में दर्ज नहीं होते रिश्वतखोरी के सैकड़ों मामले
ये केवल मुट्ठी भर उदाहरण हैं। हालांकि, इससे संकेत मिलता है कि पुलिस स्टेशन में रिश्वतखोरी के सैकड़ों मामले दर्ज नहीं किए जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर आरोपी को लाभ पहुंचाने के लिए शिकायतकर्ता से रिश्वत ली गई है और अन्य स्थानों पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए।
पुलिस पर शराब माफिया, ड्रग माफिया से मासिक पैसा लेकर उन्हें संरक्षण देने के भी आरोप हैं। इतना ही नहीं, अधिकारियों पर जमीन विवाद सुलझाने से लेकर पत्थर गाड़ियों, रेत के ट्रकों से जबरन वसूली करने, ड्रग माफिया को बचाने के लिए जबरन वसूली करने तक के आरोप लगते रहते हैं।
इंस्पेक्टर, चार एसआई, छह एएसआई और पांच कांस्टेबल जाल में फंस गए हैं। इस दौरान रिश्वत वसूली में सहायता करते हुए एक होमगार्ड भी पकड़ा गया है। इस जानकारी से पता चल रहा है कि पुलिस विभाग ही सरकार का मजाक बना रहा है। बेईमान अधिकारियों की वजह से पूरा विभाग बदनाम हो रहा है।