पूंजीगत खर्च के लिए छत्तीसगढ को मिलेगा 3195 करोड़ रुपये का इंटरेस्ट-फ्री लोन
0 केंद्र सरकार 16 राज्यों को देगी 56,415 करोड़ की राशि
नईदिल्ली , केंद्र सरकार ने राज्यों को पूंजीगत खर्च के लिए लंबी अवधि के लोन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके लिए 56,415 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। ये लोन इंटरेस्ट-फ्री होंगे और इसे वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 16 राज्यों को दिया जाएगा। इस बारे में वित्त मंत्रालय ने 26 जून को बयान जारी किया है। बता दें कि बीजेपी सरकार ने बजट 2023 में ऐलान किया था कि केंद्र सरकार राज्यों को 50 साल के लिए पूंजीगत खर्च के लिए इंटरेस्ट-फ्री लोन देगी। ये लोन इसी फाइनेंशियल ईयर में देने की बात थी, जिसमें कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव है।
यह एप्रूवल ‘स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट 2023-24’ नाम की स्कीम के तहत दी गई है। इस स्कीम के तहत राज्य सरकारों को पूंजीगत खर्च के लिए बढ़ावा दिया जाता है। सबसे ज्यादा 9,640 करोड़ रुपये का आवंटन बिहार के लिए किया गया है। वहीं मध्य प्रदेश को 7,850 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। तीसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल है, जिसके लिए 7523 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ को इस मद में 3195 करोड़ रुपये मिलेंगे।
15वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर केन्द्र सरकार ने बजट 2023 में ऐलान किया था कि केंद्र सरकार राज्यों को 50 सालों के लिए पूंजीगत खर्च के लिए इंटरेस्ट-फ्री लोन देगी। इस स्कीम के 8 हिस्से हैं। पहला हिस्सा 1 लाख करोड़ का है, जो सबसे बड़ा है। यह अमाउंट केंद्र के टैक्स में राज्यों की हिस्सेदारी के अनुपात में उन्हें दिया जाएगा। इसका आधार बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष में राज्यों को 81,195 रुपये का लोन दिया गया था।
वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अलग-अलग क्षेत्रों के लिए कैपिटल इनवेस्टमेंट प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इनमें हेल्थ, एजुकेशन, सिंचाई, जलापूर्ति, पावर, सड़क, पुल और रेलवेज शामिल हैं। इसके अलावा राज्यों को बतौर इनसेंटिव देने के लिए 3,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसका इस्तेमाल राज्य सरकारें अपनी पुरानी गाड़ियों और एंबुलेंस को हटाने, पुरानी गाड़ियों की लायबिलिटी तय करने और इंडिविजुअल को अपने प्राइवेट व्हीकल हटाने के लिए टैक्स में रियायत के रूप में दी जाएगी।