बेरोजगारी भत्ता के लिए वेब पोर्टल के माध्यम से केवल ऑनलाइन आवेदन
रायपुर , मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 1 अप्रैल 2023 से प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को 2500 रुपए प्रतिमाह की दर से बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की गई है। इस संबंध में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग द्वारा योजना की स्वीकृति प्रदान करते हुए आदेश जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही सभी जिला कलेक्टरों को इस योजना के क्रियान्वन हेतु अवश्यक निर्देश जारी किया गया है।
कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवम रोजगार विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदक को निर्धारित मापदण्ड एवं शर्तों के अनुसार ही वेब पोर्टल के माध्यम से केवल ऑन लाईन आवेदन लिये जायेंगे जिसके लिये एक वेब पोर्टल एनआईसी के द्वारा तैयार किया जा रहा है। वेब पोर्टल का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा शीघ्र किया जाएगा। यह पोर्टल 01 अप्रैल 2023 से आम जनता के लिये उपलब्ध रहेगा।
योजना के आवेदनों का भौतिक सत्यापन, आवेदकों को समक्ष में बुलाकर किया जाना है, जिसके लिये गावों एवं शहरों के वार्डो में क्लस्टर बनाया जाना है, तथा प्रत्येक क्लस्टर के लिये सत्यापन टीम का गठन किया जाना है। आवेदन सत्यापन उपरांत बेरोजगारी भत्ता जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी/आयुक्त नगर निगम द्वारा स्वीकृत किया जायेगा। बेरोजगारी भत्ता का भुगतान आवेदकों के बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से किया जाएगा।
गौरतलब है कि बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए निर्धारित मापदण्ड एवं शर्तों के अनुसार बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदक का छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक है। शिक्षित बेरोजगारों की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी आवश्यक है। वह मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकंडरी (12वीं) उत्तीर्ण हो। वह जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्ग दर्शन केंद्र में पंजीकृत हो और आवेदन के वर्ष के 1 अप्रैल को हायर सेकंडरी अथवा उससे अधिक योग्यता में उसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। आवेदक की आय का कोई स्त्रोत न हो एवं आवेदक के परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 2 लाख 50 हजार रुपए से अधिक न हो। परिवार से तात्पर्य है- पति, पत्नी एवं आश्रित बच्चे एवं आश्रित माता-पिता।
पात्र शिक्षित युवा को प्रथमतः एक वर्ष के लिए बेरोजगारी भत्ता देय होगा। यदि व्यक्ति विशेष का एक वर्ष की इस अवधि में लाभकारी नियोजन नहीं हो पाता है, तो बेरोजगारी भत्ते की अवधि एक वर्ष के लिए और बढ़ाई जा सकेगी। किसी भी प्रकरण में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी।