महंगाई,गृहभाड़ा भत्ता देने से प्रदेशभर के कर्मचारियों में उत्साह; मंत्रालय में एसीएस के साथ चर्चा
रायपुर, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के जायज मांगों पर विधानसभा में मुख्यमंत्री के द्वारा गृह भाड़ा भत्ता, केंद्र के समान महंगाई भत्ता,संविदा कर्मचारियों के वेतन वृद्धि आदि को लेकर की गई घोषणा के बाद मोर्चा ने एक अगस्त से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया था। इस मामले में वित्त विभाग द्वारा आदेश जारी करने से प्रदेश के कर्मचारी उत्साहित है। मंत्रालय, संचालनालय,कलेक्टर एवम् अन्य कार्यालयों में भूपेश है तो भरोसा है के नारे भी लगते रहे।
संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ 2 अगस्त को मंत्रालय में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू से शेष मांगों, जिसमे पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने,चार स्तरीय वेतनमान ,प्रथम नियुक्ति से पुरानी पेंशन हेतु सेवा गणना एवम् स्टाइपेंड प्रणाली बंद करने हेतु मुख्यमंत्री से हुई चर्चा अनुसार विस्तार से अपना पक्ष रखते हुए ज्ञापन सौंपा। इन मांगों के अतिरिक्त 30 जून एवम् 31 दिसंबर को सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को एक वेतन वृद्धि देने, अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 के बजाय 300 दिन करने, एरियर्स भुगतान से रोक हटाने, पेंशनरों को केंद्र के समान डीए देने जैसे मुद्दे आर्थिक पहलू पर कर्मचारियों का पक्ष रखते हुए शीघ्र समाधान करने की मांग की गई। अपर मुख्य सचिव ने सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए सार्थक पहल करने अश्वासन दिया। मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल में कमल वर्मा,अनिल शुक्ला, महेंद्र सिंह राजपूत,मनीष ठाकुर शामिल थे।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ अनिल शुक्ला, छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि प्रदेश के 145 कर्मचारी संगठनों ने 5 सूत्रीय मांगों, जिसमे केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान अनुसार गृहभाड़ा भत्ता, पिंगुआ कमेटी का रिपोर्ट, अनियमित/दैनिक वेतनभोगी/संविदा/कार्यभारित/अन्य कर्मचारियों का नियमितीकरण, पेंशन हेतु प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवाकाल की गणना को लेकर 7 जुलाई को ऐतिहासिक प्रांतव्यापी आंदोलन किया था। सरकार ने मोर्चा के 01 अगस्त से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अनुपूरक बजट के दौरान 19 जुलाई को कर्मचारियों के लिए अनेक घोषणाएं की गई थी।संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों ने विधानसभा में 20 जुलाई को मुख्यमंत्री से भेंटकर कर्मचारी हित में मुख्यमंत्री की घोषणा तथा अन्य मुद्दों के समाधान हेतु त्वरित प्रशासकीय कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री के अश्वासन पर विश्वास करते हुए आपात बैठक उपरांत 1 अगस्त 23 से घोषित अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित रखने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया गया था। साथ ही बैठक में मोर्चा के शीर्ष पदाधिकारियों को मंत्रालय स्तर पर अन्य मुद्दों के क्रियान्वयन हेतु जिम्मेदारी दी गई।