मैनेजर कर रहा कबाड़ का काम; 16 फर्मों को दी रकम
रायपुर, चर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले का मुख्य आरोपित बैंक का मैनेजर वर्तमान किसी के अंडर में कबाड़ खरीदी-बिक्री करने का काम कर रहा है। उसके पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि संपत्ति के नाम पर एक मकान था, वह भी कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से बैंक में बंधक है। आज पुलिस अन्य लोगों को पूछताछ के लिए बुलाई है। जांच में यह भी सामने आया है कि 16 फर्मों को पैसे दिए गए थे। छह से सात अब भी चल रही हैं। उनके मालिकों को पुलिस बुलाएगी। 54 करोड़ का घोटाला हुआ था। 2006 में बैंक बंद होने के बावजूद बोगस एफडीआर करवा कर तीन करोड़ 40 लाख रुपये दिया गया।
पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में 25 हजार खाता धारक थे, जिन लोगों ने अपनी कमाई जमा की थी। बैंक में ज्यादातर खाता धारक मध्यम वर्ग अथवा निम्न आय वर्ग वाले लोगों के थे। उन्हीं मध्यम व गरीब आय वर्ग वाले लोगों की जमा पूंजी में इंदिरा प्रियदर्शनी सहाकारी समीति से जुड़े लोगों ने घोटाला किया है।मामले की पड़ताल में पुलिस को जानकारी मिली है कि बैंक में जिनके एक लाख रुपये से कम की रकम जमा थी, बीमा कंपनी ने उन्हें रकम वापस लौटाई है।
ये हैं 16 फर्म :
– अमन अल्यूमिनियम प्रा.लि।
– अमानत विनियम।
– जीएसआर फिनवेस्ट।
– हाईलैंड फाइनेंस।
– रेज एंड एरोज फाइनेंस।
– विंटर कामर्शियल प्रा.लि।
– स्नेहा फिनवेस्ट।
– सुनंदा विनयम।
– उपकार मचेंट।
– रसना कामर्शियल।
– एसएम सिक्योरिटी।
– एसएम फाइनेंस।
– रसना व्यापार प्रा.लि।
– तिरूवा जी विनियम प्रा.लि।
– सागर फाइनेंस।
– कुशल एसोसिएट्स।