रायगढ़, बिलासपुर एवं कोरबा जिलों में अधिकतम तापमान में सर्वाधिक वृद्धि होगी
रायपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. के.एल. नंदेहा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 11 जिलों – दंतेवाड़ा, बस्तर, बीजापुर, जांजगीर, जशपुर, महासमुंद, रायगढ़, सरगुजा, नारायणपुर, बलरामपुर एवं कोण्डागांव में वार्षिक अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं पांच जिलों जशपुर, कोरिया, सरगुजा, बलरामपुर एवं सूरजपुर में वार्षिक न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है।
डॉ. के.एल. नंदेहा ने छत्तीसगढ़ राज्य में जलवायु परिवर्तन की समस्याएं चरम मौसम घटनाओं के लिए अनुकूलन और शमन रणनीतियां’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी के दौरान इस आशय के विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि वर्ष 2030 तक छत्तीसगढ़ के वार्षिक अधिकतम तापमान में 0.6 डिग्री सेन्टिग्रेट तथा वार्षिक न्यूनतम तापमान में 1.3 डिग्री सेन्टिग्रेट की वृद्धि हो जाएगी। आगामी 40-50 वर्षां में रायगढ़, बिलासपुर एवं कोरबा जिलों में अधिकतम तापमान में सर्वाधिक वृद्धि होगी, जबकि जशपुर, गरियाबंद एवं कोण्डागांव जिलों में वार्षिक तापमान में कमी दर्ज की जाएगी।
इसी प्रकार रायगढ़, मुंगेली एवं रायपुर जिलों में वार्षिक न्यूनतम तापमान में सर्वाधिक वृद्धि तथा बस्तर, जशपुर एवं कोण्डागांव जिलों में वार्षिक न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज की जाएगी। कोरबा, बिलासपुर एवं दुर्ग जिले फसल उत्पादन की दृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित होंगे। कार्यशाला के दौरान आयोजित तकनीकी सत्रों में जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर विचार मंथन किया गया।
कार्यशाला में भारत मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के प्रमुख आर. बाला सुब्रमण्यम, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय पाण्डेय, संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक त्रिपाठी, निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. अजय वर्मा, निदेशक प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. एस.एस. टुटेजा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, कृषि विज्ञान केन्द्रों मे पदस्थ कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विषय वस्तु विशेषज्ञ, सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रगतिशील कृषक, वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।