रिजर्व बैंक और एसबीआई के कारण वृद्ध, बुजुर्ग, बीमार जीवित प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं
रायपुर, देश एवं प्रदेश के सेवानिवृत्ति शासकीय कर्मचारियों को पेंशन प्राप्त करने के लिए प्रतिवर्ष नवंबर माह में जीवित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की व्यवस्था भारतीय स्टेट बैंक द्वारा बनाई गई है। इस व्यवस्था से बुजुर्ग, बीमार लोगों को बैंकों का चक्कर काटना पड़ रहा है। कर्मचारी नेता एवं आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता विजय कुमार झा ने बताया है कि यदि एसबीआई है तो सीधे वहां जमा करना होता है अन्य बैंक हो तो अन्य बैंकों से हस्ताक्षर कराकर एसबीआई में जमा करना होता है। देश या प्रदेश के कानून हमेशा हास्यास्पद नजर आते हैं।
प्रवक्ता विजय कुमार झा ने कहा कि एक चोर को रोकने के लिए लाखों ईमानदार लोगों को बैंकों का चक्कर काटना पड़ रहा है, कि देखो भैया मैं जिंदा हूं। यह जीवित प्रमाण पत्र सभी लोगों से लेने की बजाय यदि जो पेंशनर दिवंगत होगा स्वभाविक है उसके परिवार सदस्य खुद सूचित करेंगे कि निधन हो गया है। सूचना के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र भी जमा करेगा। एक चोर को रोकने के लिए लाखों ईमानदार लोगों को परेशान किए जाने की नीति एसबीआई की है। इस पर तत्काल रोक लगना चाहिए। यह देश का दुर्भाग्य है कि कोई व्यक्ति हाथ जोड़कर सामने खड़ा होकर गिड़गिड़ाता है, कि देखो भैया मैं जिंदा हूं। एसबीआई को चाहिए कि सबको नियमित रूप से पेंशन मिले। जो दिवंगत होंगे उनके परिवार वालों की जिम्मेदारी है कि बैंक में जाकर सूचित करें। न करने पर एटीएम व पेटीएम से पैसा आहरण करने पर पुलिस केस भी होता है। 420 का केस बनाकर जेल भी जाना पड़ता है। लेकिन एक बेईमान के कारण लाखों ईमानदारों को गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। इस पर आरबीआई एवं एसबीआई विशेष ध्यान दें।
शीघ्र केंद्र के समान 4% महंगाई भत्ता घोषित होना चाहिए,अब व्यवहारिक व वैधानिक बाधा नहीं-विजय झा
छत्तीसगढ़ राज्य में दो चरण में मतदान संपन्न हो चुका है। आदर्श आचार संहिता यद्यपि मतगणना तिथि 3 दिसंबर तक प्रभावी है। लेकिन व्यवहारिक एवं वैधानिक रूप से प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के सम्मान लंबित चार प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने में कोई बाधा नहीं है।
कर्मचारी नेता एवं आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय कुमार झा ने कहा है कि आदर्श आचार संहिता का मूल उद्देश्य मतदान अथवा मतदान के पूर्व मतदाताओं को किसी प्रकार का प्रलोभन देकर मत प्राप्त न किया जावे। प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता को छोड़कर सभी प्रकार के प्रलोभन मतदाताओं को दिए गए हैं। अब चूंकि मतदान संपन्न हो चुका है। इसलिए महंगाई भत्ता देकर सरकार या कोई राजनीतिक पार्टी मतदाताओं को प्रलोभीत नहीं कर सकती है। इसलिए प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को लंबित चार प्रतिशत महंगाई भत्ता, प्रदेश में व्याप्त महंगाई व त्यौहारों को देखते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी,भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति प्राप्त कर छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को उनके वेतन के अंश व मौलिक अधिकार महंगाई भत्ता को देने का शीघ्र पहल कर अनुमति प्राप्त करने गंभीरता से प्रयास कर, महंगाई भत्ता की घोषणा शीघ्र किया जावे। ताकि मतगणना में भी कर्मचारी उत्साहित होकर अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों का निर्वहन कर सके।