रेलवे का कमाल; एचओजी सिस्टम से बचा ली 17 करोड़ की डीजल, अब सभी ट्रेनों में होगा इस्तेमाल
बिलासपुर, ट्रेनों में लागू रेलवे की एचओजी (हेड आन जनरेशन) प्रणाली कमाल की है। इसके जरिए महज सात माह में 25 लाख लीटर से अधिक डीजल की खपत बचाकर 17 करोड़ के राजस्व की बचत की है। भविष्य में अन्य ट्रेनों में इसे लागू कर खर्च कम करने की तैयारी रेलवे ने की है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में हेड आन जनरेशन प्रणाली की कुछ साल पहले अपनाई गई। इसके जरिए रेलवे की 20 ट्रेनें हरित यानी ग्रीन ट्रेन हो गई है।
अब ये ट्रेनें महंगे डीजल ईंधन को जलाने के बजाय ओवर हेड उपकरण (ओएचई) के माध्यम से सीधे ग्रिड से बिजली ले रही है। एचओजी इंजन से सीधे इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पावर केबल की शक्ति का उपयोग करके प्रकाश और एयर कंडीशनिंग के लिए कोचों को विद्युत आपूर्ति करने की एक प्रणाली है। एलएचबी आधारित ट्रेनों के कोच के लिए विद्युत उत्पादन के सबसे आम तरीके को एंड आन जेनरेशन (ईओजी) कहा जाता है।
प्रत्येक एलएचबी ट्रेनों पर कोचों को विद्युत आपूर्ति करने के लिए डीजल इंजन ले जाने वाली पावर कार के दो सेट होते थे। इसमें कोच में लाइट और एयर कंडीशनिंग के लिए बिजली की आपूर्ति ट्रेन के दोनों सिरे से होती थी। विद्युत कारों में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट के माध्यम से की जाती है। अब इन सभी 20 ट्रेनों में इंजन के माध्यम से ओवर हेड उपकरण (ओएचई) से विद्युत की सप्लाई की जा रही है।
एचओजी प्रणाली के लाभ
- डीजल की नगण्य खपत के परिणाम स्वरूप करोड़ों रुपये से भी अधिक मूल्य के डीजल की वार्षिक बचत।
- डीजल जलने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विद्युत परिवहन व्यवस्था की ओर अग्रसर।
- ट्रेनों में उच्च क्षमता वाले डीजल जनरेटर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का उन्मूलन ।
- बैठने की क्षमता में वृद्धि, रेलवे ने छोटे इंजन वाले नए प्रकार की पावर कार का निर्माण शुरू कर दिया है ।
- डीजल जनरेटर से तेल और जनरेटर के अन्य खतरनाक ज्वलनशील उपकरणों को पृथक करने के कारण आग के खतरों मे कमी। जोन की इन ट्रेनों में लागू है प्रणाली बिलासपुर-चेन्नई एक्सप्रेस, बिलासपुर-पुणे, एक्सप्रेस, बिलासपुर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस, बिलासपुर-पटना एक्सप्रेस, बिलासपुर-भगत की कोठी एक्सप्रेस, बिलासपुर-बीकानेर एक्सप्रेस , संपर्कक्रांति एक्सप्रेस, दुर्ग-निज़ामुद्दीन, हमसफ़र एक्सप्रेस, दुर्ग-जम्मूतवी एक्सप्रेस, दुर्ग-फिरोजपुर अंत्योदय एक्सप्रेस, कोरबा-रायपुर, हसदेव एक्सप्रेस, दुर्ग-नवतनवा एक्सप्रेस, दुर्ग-कानपुर बेतवा एक्सप्रेस, दुर्ग–नवतनवा एक्सप्रेस, दुर्ग–अजमेर एक्सप्रेस, कोरबा-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, दुर्ग-जयपुर एक्सप्रेस, दुर्ग-उधमपुर एक्सप्रेस एवं दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस व रायगढ़-गोंदिया जनशताब्दी एक्सप्रेस।