शासकीय, अर्द्धशासकीय रेस्ट हाउस में राजनैतिक यात्रा के उद्देश्य से नहीं ठहर सकेंगे पदाधिकारी
रायपुर, विधानसभा आम निर्वाचन की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। इस अवधि में कोई भी राजनैतिक दल के व्यक्ति, मंत्रीगण, सार्वजनिक उपक्रम के पदाधिकारी आदि निर्वाचन प्रचार के कार्य से शासकीय अथवा अर्द्धशासकीय सर्किट हाऊस, रेस्ट हाऊस, गेस्ट हाऊस में निर्वाचन प्रचार अथवा राजनैतिक यात्रा के उद्देश्य से न तो ठहर सकते है और न ही वहां पर राजनैतिक गतिविधि कर सकते हैं।
जारी आदेश में कहा गया है कि पात्रता अनुसार तथा उपलब्धता अनुसार पदाधिकारियों को सर्किट हाउस, रेस्ट हाउस, गेस्ट हाउस उपलब्ध कराया जा सकता है। इसके लिए उनसे निर्धारित राशि जमा कराकर विधिवत रसीद दी जाए। टेलीफोन हेतु पृथक रजिस्टर रखा जाए तथा किये गये काल्स की निर्धारित राशि वसूल की जाये। भोजन इत्यादि की व्यवस्था नहीं की जाए। किसी प्रकार की राजनैतिक बैठक अथवा विचार विमर्श नहीं करने दिया जाये। एक रजिस्टर रखा जाए जिसमें आगन्तुक का नाम, पता, यात्रा का प्रयोजन ली गई राशि इत्यादि का समस्त ब्यौरा अंकित किया जाये।
आदेश में कहा गया है कि जब कभी भी निर्वाचन प्रेक्षक या निर्वाचन आयोग के पदाधिकारी उपरोक्त अभिलेखों की मांग करते है तो उन्हें रिकार्ड उपलब्ध कराया जाये। शासकीय-अर्द्धशासकीय सर्किट हाऊस, रेस्ट हाऊस, गेस्ट हाऊस, आफिसर्स मेस इत्यादि का आरक्षण, जिला मुख्यालय में प्रोटोकॉल अधिकारी, अनुभाग मुख्यालय में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा अन्य स्थानों पर संबंधित तहसीलदार अतिरिक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार द्वारा किया जायेगा।
कक्षों के आरक्षण में प्राथमिकता निर्धारित किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एवं उनके कार्यालय के अधिकारी तथा निर्वाचन कार्य से संबंधित अन्य अधिकारी, निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों, प्रेक्षकों आदि के लिए कमरे सदैव आरक्षित रखे जायें। इसके उपरांत यदि कक्ष उपलब्ध होता है तो अन्य व्यक्तियों को उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार कक्ष आरक्षित किया जा सकता है। यह प्रतिबंध निर्वाचन प्रक्रिया समापन दिनांक तक प्रभावशील रहेगा।