राज्यशासन

संयुक्त मोर्चा के प्रांतव्यापी आंदोलन से सरकारी दफ्तरों में पसरा सन्नाटा; नवा रायपुर के तूता में धरना-प्रदर्शन

रायपुर, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा का प्रांतव्यापी आंदोलन आज  नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में  प्रातः 11. बजे से प्रारंभ हुआ। यहां शाम तक प्रदर्शन चलता रहा। इसके चलते सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। आज रायपुर जिले के तहसील कार्यालय, न्यायालय, लोक निर्माण विभाग, मानव अधिकार आयोग, नगर निगम, रजिस्ट्री, आर.टी.ओ, सी.एम. ओ. सहित रायपुर शहर सभी कार्यालयों एवं सभी निगम मंडलों में ताला खोलने के लिए कोई चपरासी नही पहुंचा। इसके साथ ही नवा रायपुर के मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालय के सभी  कार्यालय तथा नवा रायपुर वन विभाग, स्वस्थ विभाग, जी एस टी कार्यालयों सभी सरकारी कार्यालयों में पूर्णतः  ताला बंदी रही। 

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक उमेश मुदलियार एवं जिला महासचिव राजेश सोनी संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर बताया कि धरना स्थल में अधिक संख्या में कर्मचारी उपस्थित हुए है। जिनमे विभिन्न संघों के प्रांताध्यक्ष, प्रांतीय पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर कर्मचारी अधिकारियो की 4 सूत्रीय मांगों में छठवे वेतनमान के आधार पर देयक गृह भाड़ा भत्ते को सातवे वेतनमान के आधार पर केन्द्रीय दर पर पुनरीक्षित करने, राज्य के कर्मचारियों एवें पेंशनरों को केन्द्र के समान देय तिथि से मंहगाई भत्ता, कर्मचारियों की विभिन्न मांगों हेतु गठित पिंगुआ कमेटी एवं वेतन विसंगति के लिये गठित सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति को जारी करने एवं विभिन्न लंबित संवर्गीय पदोन्न्ति, समयमान, नियमितीकरण, पुरानी पेंशन का लाभ प्रथम नियुक्ति तिथि से देने आदि हेतु संयुक्त मोर्चा के बैनर तले धरना प्रदर्शन का  किया गया है। 

आज के कर्मचारी अधिकारी सयुक्त मोर्चा के आंदोलन से सरकार को लाखो रुपए की आर्थिक हानि हुई है। विभिन्न संघों के पदाधिकारियों ने अपने उद्बोधन में सरकार की ओर से जारी 5 प्रतिशत महंगाई भत्ते के लिए सरकार को धन्यवाद भी दिया किंतु उनके द्वारा यह भी कहा गया कि सरकार से यह 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता पिछले वर्ष जुलाई 2022 को कर्मचारियों को दिया जाना था जो पूरे एक वर्ष विलम से कर्मचारियों को माह जुलाई 2023 में दिया गया, कर्मचारियों को विलंब से दिया गया महंगाई भत्ता का एरियर्स सरकार के द्वारा डकार लिया गया जिसका लाभ कर्मचारियों को दिया जाना था, वह कर्मचारियों के हिस्से को सरकार के द्वारा बिना एरियर्स के भुगतान किया जा रहा है जिससे आज की स्थिति में कर्मचारियों को लाखो रूपए की आर्थिक हानि हुई है जिसकी भरपाई सरकार के द्वारा नही किया गया, वरन उल्टा कर्मचारियों के उनके मूल अधिकार मंहगाई भत्ता देने में अतरिक्त भार आने का हवाला दिया जाता है जो सरकार का कर्मचारियों के प्रति संवेदना हीनता की ओर इशारा करता है इसके साथ ही कर्मचारियों का गृहभाड़ा भत्ता जो सातवे वेतनमान के अनुसार दिया जाना है वह भी सरकार से आज दिनांक तक कर्मचारियों को प्राप्त नही हुआ है। कर्मचारियों को उनके मूलभूत अधिकार मंहगाई भत्ता एवं गृहभाड़ा भत्ता से वंचित करना कही न कही कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही लिपिकों सहित विभिन्न संवर्ग के वेतन विसंगति हेतु सचिव सामान्य प्रशासन की अध्यक्षता में गठित समिति एवं पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट भी 3 माह में सार्वजनिक करने का आश्वासन माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा कर्मचारी संघ को दिया गया था, जो कमेटी गठित हुई है इन दोनो कमेटी ने आज तक अपनी रिपोर्ट शासन को नही सौपी है। इसके साथ ही कर्मचारियों को 4 स्तरीय पदोन्नत वेतनमान, सविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने का वादा सरकार के द्वारा अपने घोषणा पत्र में किया गया है जो सरकार ने पूरा नहीं किया है।

कर्मचारी अधिकारी सयुक्त मोर्चा के आंदोलन में  प्रांतीय सयोजक कमल वर्मा तथा प्रांताध्यक्ष के रूप में युद्धवेशवर सिंह ठाकुर न्यायालायीन कर्मचारी संघ, संतोष कुमार वर्मा संचालयीन कर्मचारी संघ, पंकज पांडे स्वस्थ बहुउद्देशीय संघ, आलोक जाधव तकनीकी कर्मचारी संघ, पीतांबर पटेल व्यायाम सिक्षक संघ, मुख्य रूप से उपस्थित रहे। आंदोलन में मुख्य रूप से चंद्रशेखर तिवारी संभागीय सयोजक, उमेश मुदलियार, राजेश सोनी जिला महासचिव एवं प्रदेश तृतीय वर्ग कर्म संघ के संरक्षक अजय तिवारी, जिलाध्यक्ष रामचंद्र तांडी एवं विभिन्न संघों के जिलाध्यक्ष की महती भूमिका रही है। 

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