सर्जरी से पूर्व इंफेक्शन से बचाव के लिए निर्धारित मानकों का पालन करें
0 एम्स में अस्पताल प्रशासन के तत्वावधान में एक दिवसीय सीएमई
रायपुर , चिकित्सा संस्थानों में स्टरलाइजेशन और सफाई के मानक नियमों पर प्रशिक्षण और जानकारी देने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक दिवसीय सीएमई का आयोजन किया गया। इसमें सर्जरी से पूर्व स्टरलाइजेशन की प्रक्रिया को पूर्ण करने के उद्देश्यों और इससे इंफेक्शन से होने वाले बचाव के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
एम्स के अस्पताल प्रशासन की ओर से आयोजित ‘टेक्निकल ट्रेनिंग ऑन मॉनीटरिंग ऑफ क्लिनिंग एंड स्टरलाइजेशन प्रोसेस इन हैल्थ केयर फेसेलिटिज’ विषयक सीएमई में प्रमुख रूप से स्टरलाइजेशन के विधिक पहलुओं और इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। मुख्य वक्ता शैलेष मेहता, निदेशक, मेडोवेशन इंक, बंगलुरू ने बताया कि ऑपरेशन से पूर्व स्टरलाइजेशन का अत्याधिक महत्व होता है। इसकी निर्धारित प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को पूरा करने के बाद डाक्यूमेंटेशन, आक्टोक्लेविंग, सीएसएसडी वेलीडेशन, आईएसओ दिशा-निर्देशों का पालन और एंटी सेप्टिक का उपयोग भी जरूरी होता है। उन्होंने ओटी और माइनर ओटी में इसकी आवश्यकता, क्रास इंफेक्शन की जांच, माइक्रोबियल कल्चर का सेंसिटिविटी टेस्ट और स्टरलाइजेशन की चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से बताया।
अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने सर्जरी से पूर्व स्टरलाइजेशन की प्रक्रिया को अति आवश्यक बताया जिससे इंफेक्शन से बचाव किया जा सके। इस अवसर पर उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता भी उपस्थित थे। सीएमई के आयोजन में उप-नर्सिंग अधीक्षक प्रियंका ताकसेंडे, जेक्का प्रदीप, ईवा और रचना सोनी का भी योगदान रहा।