सात घंटे चली सर्जरी के बाद एम्स में हाथ को पुनः जोड़ा; कटे हुए हाथ के साथ एम्स पहुंचने के बाद तुरंत किया गया ऑपरेशन
0 कुछ ही हफ्तों में हाथ के पुनः कार्यशील होने की उम्मीद, प्लास्टिक सर्जन और हड्डी विशेषज्ञों ने किया ऑपरेशन
रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने सात घंटे तक चली सर्जरी के बाद एक 38 वर्षीय रोगी के हथेली से कटे हाथ को पुनः जोड़ने में सफलता प्राप्त की। यह रोगी अब पूर्णतः स्वस्थ है और कुछ ही हफ्तों में पुनः कार्यशील हो सकेगा।
रायपुर के भनपुरी निवासी 38 वर्षीय पुरुष रोगी का हाथ 25 सितंबर को लकड़ी काटने की मशीन में आने से कट गया था। रोगी के परिजनों ने दुर्घटना के 90 मिनट के अंदर रोगी को एवं उसके अलग हुए हाथ को बर्ष में रखकर एम्स के ट्रामा एवं इमरजेंसी में एडमिट करा दिया। यहां प्लास्टिक सर्जरी और हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों ने रोगी के कटे हुए हाथ का परीक्षण किया और उसे पुनः सर्जरी के माध्यम से जोड़ने के लिए तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।
सात घंटे तक चले ऑपरेशन में हाथ को पुनः जोड़ने में कामयाबी मिली। हड्डी और नसों को जोड़ने के लिए माइक्रोवस्कुलर तकनीक का प्रयोग किया गया। अभी रोगी का हाथ में प्रतिक्रिया आने लगी है। कुछ ही हफ्तों में इसके पुनः सामान्य होने की उम्मीद है। सर्जरी की टीम में विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन कुमार मिश्रा, डॉ शर्मेंद्र आनंद साहू, आर्थोपेडिक विभाग के डॉ. सुदर्शन, एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. देवेंद्र त्रिपाठी, डॉ. चंदन डे और डॉ. जावेद के साथ रेजिडेंट्स डॉ. अबी, डॉ. अपराजिता, डॉ. जलज, डॉ. अभिजित और डॉ. निकिता शामिल थी।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि यदि कटे हुए अंग को समय पर अस्पताल में बर्फ के अंदर संरक्षित अवस्था में पहुंचा दिया जाए तो इसे पुनः प्रतिस्थापित करने की संभावना काफी अधिक होती है। इसके लिए आवश्यक है कि अंग सीधे बर्फ के संपर्क में न आए। यदि कटा हुआ अंग सामान्य अवस्था में है और छह से आठ घंटे के अंदर सर्जरी कर दी जाती है तो यह पुनः कार्यशील हो सकता है।