स्नातक अभियंता संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष तपन चक्रवर्ती का पेंशन रोकने की शिकायत राज्यपाल से

रायपुर, छत्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग में कुछ आला अफसरों द्वारा स्वयं के उच्च पदों पर पदोन्नति पाने के लिए अपने आला अफसरों के सामने स्वयं को एक मात्र हुक्कमों को मानने वाला एवं ईमानदार अफसर होने के सप्रमाण प्रस्तुति के लिए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर झुठी एवं मनगढ़ंत आरोप को मान्य कर रहे हैं बल्कि सम्बधित पीड़ित कर्मचारी का पारिवारिक पेंशन एवं अन्य देवको की भुगतान की प्रक्रिया को लंबित रख कर पीडित कर्मचारी के परिवार को आर्थिक परेशानी के साथ मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रताडित इंजीनियर कोई और नही बल्कि छत्तीसगढ शासकीय स्नातक अभियंता संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष तपन चक्रवर्ती है जो गत जुलाई में सेवानिवृत्त हुए है। कतिपय अधिकारी अब अपनी दुश्मनी निकाल रहे है। बहरहाल इस मामले की शिकायत राज्यशासन के आला अफसरों के साथ राज्यपाल से भी की गई है।
इस घटना के संदर्भ के अनुसार लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 03 अटल नगर नवा रायपुर से सहायक अभियंता सिविल तपन चक्रवर्ती विगत 31 जुलाई 2023 को अपने पद से सेवा निवृत्त हुयें है। इस सहायक अभियंता को राज्य शासन द्वारा विगत 15 सितम्बर 2021 को उप अभियंता पद से साहायक अभियंता के पद पर पदोन्नति देते हुये लोक निर्माण विभाग उप संभाग अभनपुर में अनुविभागीय अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया था। अभनपुर में पहले से पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी आर.एस. चौरसिया को अभनपुर उप संभाग से प्रमुख अभियंता के कार्यालय में शासन द्वारा समन्वय समिति के जरिये स्थानान्तर किया गया था। किन्तु आर.एस. चौरसिया उच्च न्यायालय चले गए और वे पुनः अभनपुर वापस आ गये। न्यायालय का सम्मान करते हुए सहायक अभियंता श्री चक्रवर्ती कार्यपालन अभियंता के कार्यालय में संलग्न किये गए। अनुविभागीय अधिकारी श्री चौरसिया की सेवानिवृत्ति 30 जून 2022 को होने का आदेश था।
कार्यकारी प्रांताध्यक्ष श्री चक्रवर्ती की सेवानिवृत्ति के साथ ही उन्हे प्रताडित करने की साजिश शुरु हो गई। एक अधिकारी ने कथित मनगढ़ंत एवं झुठा आरोप लगाते हुए कार्यपालन अभियंता को शिकायत की जिसकी प्रतिलिपि तत्कालीन प्रमुख अभियंता को प्रेषित करते हुए उचित कार्यवाही हेतु निवेदन किया गया था। जिसके फलस्वरूप उक्त शिकायत को बिना जांच पडताल के तत्काल दर्ज करने का आदेश दिया गया। इतना ही नहींं शिकायत की जांच किए बिना ही सेवानिवृत्ति पश्चात उनकी सकल भुगतान पर रोक लगा दी गई। जबकि किसी भी कर्मचारी का पेंशन नही रोकने का प्रावधान है।
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