10 दिन में नियमितीकरण का वादा अब पूरा होना असंभव; आशाएं टूटी, सीधी भर्ती पर तत्काल रोक लगे-विजय झा
रायपुर, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आरक्षण विवाद के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निराकरण करने के बाद हजारों की संख्या में विभिन्न विभागों में सीधी भर्ती की जा रही है। इससे प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों की आशाएं टूट गई हैं। सरकार द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में, तत्पश्चात 10 दिन में नियमितीकरण करने के चुनावी घोषणा पत्र का अब पालन होना असंभव परिलक्षित हो रहा है। वादाखिलाफी और धोखेबाजी से प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है।
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा एवं अनियमित कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षण गोपाल प्रसाद साहू ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद लगातार विभिन्न अनियमित कर्मचारी आंदोलनरत रहे हैं। गिरफ्तारी होकर जेल गए, बिजली कर्मचारियों का सर फूटा, किंतु अब जिस हिसाब से सीधी भर्ती के विज्ञापन जारी हो रहे हैं अनियमित,संविदा, प्लेसमेंट कर्मचारी नियमितीकरण की आशाएं धूमिल होने के कारण अत्यंत आक्रोशित होकर कोई बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 10 दिन के नियमितीकरण के वादे, नियमितीकरण हेतु गठित समिति, विभागों से जानकारी प्राप्त न होने जैसे विभिन्न बहानेबाजी से नियमितीकरण की उम्मीद समाप्त हो गई है। श्री झा ने कहा है कि आंगनबाड़ी, स्कूल सफाई कर्मचारी, कोटवार, मध्यान्ह भोजन रसोईया कर्मचारियों को कुछ राशि बढ़ाकर झुनझुना पकड़ाया गया है।
प्रदेश में लोक सेवा आयोग को छोड़कर विभिन्न विभागों में अनेक पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया जारी की गई है। इसमें प्रमुख रूप से शिक्षा विभाग में 12489 व्याख्याता, शिक्षक एवं सहायक शिक्षकों की भर्ती,सरगुजा में 103 विशेष पिछड़ी जनजाति के सहायक शिक्षकों की भर्ती, जिला सहकारी बैंकों में 512 विभिन्न पदों पर भर्ती,शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में 366 प्रशिक्षण अधिकारीयों की भर्ती, श्रम विभाग में 34 सहायक श्रम पदाधिकारी एवं श्रम निरीक्षकों की भर्ती,सूबेदार,उप निरीक्षक एवं प्लाटून कमांडर के 975 की भर्ती, सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी के 150 पद पर भर्ती, मत्स्य निरीक्षक 150 पद,राज्य लघु वनोपज संघ में सहायक प्रबंधक के 180 पदों पर भर्ती,वन विभाग में वन रक्षकों के 1525, कार्यालयीन संवर्ग के 395 कुल 1920 पर भर्ती की कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
अनियमित कर्मचारियों को जिम्मेदार अधिकारी मांग पत्र ज्ञापन पर कोई सुनवाई करने से इंकार कर रहे हैं तथा सीधे उच्च न्यायालय जाने का परामर्श दे रहे हैं। क्योंकि 15 मई से 12 जून तक माननीय उच्च न्यायालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश है। ऐसी स्थिति में न्यायपालिका से न्याय मिलने के पूर्व लगभग एक माह में संपूर्ण भर्ती पूरी हो जावेगी तथा अनियमित कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं होगी। बड़े आशा और विश्वास के साथ 15 साल धोखा खाने के बाद कांग्रेस सरकार के लोकलुभावन नारों को दृष्टिगत रखते हुए सरकार बनाने में अनियमित कर्मचारियों व उनके इष्ट,मित्र, परिजनों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। निश्चित रूप से संघ का प्रयास है कि माननीय उच्च न्यायालय में स्थगन हेतु अंतिम प्रयास किया जावेगा। किंतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, चुनाव संचालन समिति के संयोजक श्री टी एस सिंहदेव द्वारा अनियमित कर्मचारियों से बड़ा धोखा हुआ, छलावा किया गया है। इसका दुष्परिणाम वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होगा।
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