10 साल में 8 बड़े सेमीफाइनल और फाइनल हारे; ICC टूर्नामेंट में 86% लीग मैच जीतता है भारत, नॉकआउट में 89% मौकों पर फेल
नईदिल्ली, 10 जुलाई, 2019 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर शहर का ओल्ड ट्रैफर्ड ग्राउंड। महेंद्र सिंह धोनी 2 इंच के फासले से रन आउट हो जाते हैं। इसी के साथ वर्ल्ड कप जीतने की भारत की उम्मीद भी रन आउट हो जाती है। भारत सेमीफाइनल मैच 18 रन से हार कर वर्ल्ड कप से बाहर हो जाता है।
2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद यह पांचवां मौका था जब भारतीय टीम किसी ICC इवेंट के सेमीफाइनल या फाइनल में हारी थी। उसके बाद तीन बार और ऐसा हो चुका है। पिछले 10 साल में 9 अलग-अलग ICC टूर्नामेंट में 8 बार ऐसा हो चुका है जब भारतीय टीम नॉकआउट राउंड का कोई मैच हारकर बाहर हो गई।
अभी इस तस्वीर का जिक्र क्यों? क्योंकि एक बार फिर इसी तरह दिल की धड़कनें बढ़ाने वाला मुकाबला हमारे सामने है। यह भी वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल ही है। 15 नवंबर को मुंबई में हमारी टीम फिर उसी न्यूजीलैंड के खिलाफ उतरेगी। सवाल उठ रहा है कि इंडियन टीम कहीं एक बार फिर से नॉकआउट मुकाबले में फियर ऑफ फेल्योर का शिकार तो नहीं हो जाएगी। फियर ऑफ फेल्योर यानी मुकाबले से पहले फेल हो जाने का डर।
बड़े मैचों में इंडिया के फियर ऑफ फेल्योर को समझने के लिए हमने ICC टूर्नामेंट में टीम इंडिया के 48 सालों के सफर का एनालिसिस किया है। इसे हमने 4 फेज में बांटा है…
- 1975 से 1983: 1975 और 1979 वर्ल्डकप में भारत नॉकआउट में पहुंचा ही नहीं। 1983 में पहली बार नॉकआउट में पहुंचे और चैंपियन बने।
- 1984 से 2006: भारत ने 11 ICC टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। इनमें से 5 में हम सेमीफाइनल या फाइनल में हारे। 1 फाइनल बारिश के कारण पूरा नहीं हुआ, जिसमें भारत संयुक्त विजेता बना था। 5 टूर्नामेंट ऐसे थे जिसमें भारत नॉकआउट राउंड में पहुंचा ही नहीं। 1983 वर्ल्डकप के बाद से 2007 के वनडे वर्ल्डकप तक भारत एक भी ICC टूर्नामेंट नहीं जीत सका।
- 2007 से 2013: 2007 टी-20 वर्ल्डकप से लेकर 2013 चैंपियंस ट्रॉफी तक 7 ICC टूर्नामेंट में भारत ने हिस्सा लिया। इसमें टीम इंडिया 3 के नॉकआउट राउंड में पहुंची और तीनों में खिताब जीता।
- 2014 से 2023: अभी चल रहे वर्ल्डकप से पहले भारत 9 में से 8 ICC टूर्नामेंट के नॉकआउट में पहुंचा और एक भी खिताब नहीं जीत पाया है।