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भू अर्जन घोटाले में निलंबन के बाद एसडीओ सहित चार पर एफआईआर, नौ करोड़ रुपये व्यक्तिगत खातों में डाल दिए

अंबिकापुर , सरगुजा के बलरामपुर जिले की सिंचाई परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि के विरुद्ध प्राप्त भू अर्जन की राशि का वितरण करने के बजाय चेक के माध्यम से व्यक्तिगत खातों में अंतरित कर वित्तीय अनियमितता के मामले में आखिरकार राज्य सरकार के निर्देश पर आपराधिक प्रकरण पंजीकृत कर लिया गया है।लगभग नौ करोड़ की राशि व्यक्तिगत खातों में अंतरित कर गड़बड़ी करने वाले जल संसाधन संभाग क्रमांक दो रामानुजगंज के संजय कुमार ग्रायकर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं प्रभारी जल संसाधन क्रमांक दो ,मिथलेश कुमार पाण्डेय वरिष्ठ लेखा लिपिक,संजीव कुमार सिंह डाटा इंट्री आपरेटर,धीरज अभिषेक एक्का संभागीय लेखा अधिकारी एवं अन्य लोगों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा120-बी, 409, 420, 467,468, 471 के तहत अपराध पंजीकृत किया गया है।इनमें कुछ अधिकारियों को पहले ही निलंबित कर दिया गया है।

विभागीय जांच में गड़बड़ी की पुष्टि के बाद एफआइआर की गई है। मामले की शिकायत वर्तमान कार्यपालन अधिकारी ने दर्ज कराई है।विभागीय जांच के बाद राज्य शासन स्तर से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की गई है।आरोप है कि जल संसाधन संभाग क्रमांक दो रामनुजंगज के संजय कुमार ग्रायकर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, मिथलेश कुमार पाण्डेय वरिष्ठ लेखा लिपिक, संजीव कुमार सिंह डाटा इंट्री आपरेटर धीरज अभिषेक एक्का संभागीय लेखा अधिकारी को भू- अर्जन की राशि का व्यक्तिगत खातों में भुगतान संबंधी अनियमितता पर राज्य शासन ने एक माह पहले ही निलंबित कर दिया था।मामले में प्रारंभिक विभागीय जांच में पाया गया है कि संबंधित अधिकारी,कर्मचारियों द्वारा कुल आठ करोड़ 87 लाख 54 हजार 524 रुपये व्यक्तिगत खातों में अंतरित की गई है।शासन स्तर से यह भी आदेशित किया गया है कि जो भी निजी व्यक्ति सप्लायर जिन्हें शासकीय धन बिना किसी कार्य के प्राप्त हुए है उनके विरूद्ध भी कार्रवाई करते हुए एफआइआर का निर्देश है।

योरसेल्फ चेक के माध्यम से भू अर्जन की राशि प्रभावित किसानों को भुगतान करने के बजाय आरोपितों ने व्यक्तिगत खातो में फर्जी तरीके से अन्तरित कर अनियमितता किया गया है। शासन स्तर से गठित समिति के जांच प्रतिवेदन में उक्त तथ्य सही पाया गया है। उक्त प्रकरण में शासन के स्तर से गठित समिति द्वारा कार्यालीन अभिलेखों का परीक्षण किया गया है जो मुख्य अभियंता हसदेव गंगा कछार जल संसाधन विभाग अंबिकापुर के आरोप पत्र के द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग शिवनाथ भवन नवारायपुर को प्रेषित किया गया था। मामले में शिकायत सामने आने के बाद प्रभावित किसानों ने भी तत्काल मुआवजा राशि वितरण करने की मांग की थी।

बता दें कि बलरामपुर जिले में सिंचाई परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित जमीन के बदले मुआवजा राशि शासन स्तर से प्रदान कर देने के बाद भी भुगतान नहीं होने के कारण प्रकरण सामने आया था। उसके बाद धीरे-धीरे जांच में गड़बड़ी उजागर होती चली गई।

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