कृषि

खेती हेतु ऋण देने हर साल को-आपरेटिव बैंक द्वारा दस्तावेजों की मांग से किसान हलाकान

रायपुर, किसानों की पूंजी पर खड़े केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा बीते 3 वर्षो से किसानों को खेती हेतु ऋण देने उन दस्तावेजों की मांग की जाती है जिसे की किसान पूर्व में ही उपलब्ध करा चुके हैं और जो बैंक के अभिलेख में उपलब्ध है । इस वर्ष भी ऋण देने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही पुनः इन दस्तावेजों की मांग किये जाने से केन्द्रीय सहकारी बैंक रायपुर के अधीन आने वाले 550 समितियों के माध्यम से ऋण लेने वाले तकरीबन 4 लाख किसान परेशान व हलाकान हैं ।

किसानों की परेशानी के मद्देनजर किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने बैंक के प्राधिकृत अधिकारी पंकज शर्मा , मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मिश्रा  व अतिरिक्त महाप्रबंधक एस के चंद्राकर को ज्ञापन  सौंप किसानों को इस अनावश्यक परेशानी से निजात  दिलाने का आग्रह किया है । ज्ञापन में जानकारी दी गयी है कि बैंक द्वारा अपने अधीनस्थ 29 शाखाओं के अधीन आने वाले 550 समितियों के माध्यम से किसानों को कृषि कार्य हेतु हर वर्ष अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराया जाता है  और बीते वर्ष ऋण लेने वाले ऐसे किसानों की संख्या केवल  करीब 4 लाख के आसपास थी ।

ज्ञापन में आगे बतलाया गया है कि पूर्व में ऋण ले चुके सदस्य किसानों द्वारा अपना फोटो , बैंक के पासबुक , आधार कार्ड , परिचय पत्र व पेन कार्ड की प्रति ऋण पुस्तिका व उसके फोटो प्रति के साथ उपलब्ध कराया जा चुका है और जिसके आधार पर ऋण स्वीकृत कर संबंधित किसानों को मुहैय्या कराया जा चुका है तथा ये सभी दस्तावेज बैंक व समितियों के अभिलेख में उपलब्ध है पर इसके बाद भी हर  वर्ष की तरह इस वर्ष भी आगामी खरीफ फसल के लिये ऋण देने की प्रक्रिया शुरू करने किसानों को आवेदन के साथ पुनः इन सभी दस्तावेजों को जमा करने के आदेश की वजह से किसानों के परेशान व हलाकान होने की जानकारी देते हुये इन दस्तावेजों की मांग को औचित्यहीन व किसानों को परेशान करने वाला ठहराते हुये इन पर रोक लगाने का आग्रह करते हुये सिर्फ आद्यतन बी -1 की प्रति ही किसानों से मांगने संबंधी परिपत्र जारी कराने का आग्रह किया है ।

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