स्वास्थ्य

नई तकनीक बना रही हिंदी को और अधिक समृद्ध

0 एम्स में नई तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार पर जोर

रायपुर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित राजभाषा पखवाड़ा-2023 विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत करने के साथ संपन्न हो गया। इस अवसर पर 15 प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिनके विजेताओं को 2.50 लाख रुपये के पुरस्कार प्रदान किए गए। विशेषज्ञों ने हिंदी को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए नई तकनीक के अनुप्रयोग पर जोर दिया।

अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने कहा कि हिंदी बोलने और लिखने में बिल्कुल समान है। अन्य भाषाओं की तरह इसमें भ्रम की स्थिति नहीं होती है। यह जनभाषा है और इसे राष्ट्रीय प्रगति के लिए सभी को अपनाना आवश्यक है। उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता का कहना था कि हिंदी सरल और सहज है जिसे चिकित्सकों, नर्सिंग स्टॉफ और अन्य कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने स्मार्ट फोन में भी हिंदी के बढ़ते प्रयोग का जिक्र करते हुए कहा कि नई तकनीक ने हिंदी को और अधिक सशक्त बनाया है।

वरिष्ठ हिंदी अधिकारी (प्र.) शिव शंकर शर्मा का कहना था कि हिंदी में भी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे ही लीला, मंत्रा, सारांक्षक और वाचांतर साफ्टवेयर उपलब्ध हैं जिनकी मदद से हिंदी को सहजता के साथ सीखा जा सकता है या अनुवाद किया जा सकता है। इसके साथ ही हिंदी की कहानी सुनाने वाले ऑडिबल साफ्टवेयर भी उपलब्ध हो गए हैं।

इस अवसर पर प्रो. अग्रवाल और श्री गुप्ता ने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। हिंदी में सबसे अधिक डिक्टेशन देने के लिए डॉ. मुदालशा रवीना को 25 हजार रुपये का प्रथम और डॉ. लोकेश कुमार सिंह को 20 हजार रुपये का द्वितीय पुरस्कार दिया गया। गैर हिंदी भाषी क्षेत्र के वर्ग में डॉ. सिद्धार्थ नंदा को 25 हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार दिया गया। राजभाषा प्रोत्साहन योजना में हिंदी भाषी क्षेत्र के केदार नाथ लास्कर को प्रथम और गैर हिंदी भाषी क्षेत्र के लिए जी. राजा को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।

राजभाषा पखवाड़ा में 15 प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी जिनके 125 से अधिक प्रतिभागियों को लगभग 2.5 लाख रुपये के पुरस्कार प्रदान किए गए। इनमें प्रथम पांच हजार रुपये का, द्वितीय चार हजार, तृतीय तीन हजार रुपये के एक-एक पुरस्कार हैं और 1500 रुपये के दो सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। विजेताओं में चिकित्सक, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र सभी सम्मिलित हैं।

पुरस्कार वितरण समारोह में प्रो. अनुदिता भार्गव, प्रो. रेनू राजगुरु, डॉ. सत्याकी गांगुली, डॉ. देबज्योति मोहंती, डॉ. अमृताव घोष, डॉ. अतुल जिंदल सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक और नर्सिंग छात्र भी उपस्थित थे। राजभाषा पखवाड़ा-2023 के विभिन्न कार्यक्रम के आयोजन में मधुरागी श्रीवास्तव, सैयद शादाब और उमेश कुमार पांडेय का योगदान रहा।

Narayan Bhoi

Narayan Bhoi is a veteran journalist with over 40 years of experience in print media. He has worked as a sub-editor in national print media and has also worked with the majority of news publishers in the state of Chhattisgarh. He is known for his unbiased reporting and integrity.

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