कानून व्यवस्था

शराब घोटाला;अनवर ढेबर सहित तीन अन्य की जमानत याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले के आरोपित अनवर ढेबर,त्रिलोक ढिल्लन,नितेश पुरोहित और अरुणपति त्रिपाठी की ज़मानत याचिका हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने ख़ारिज कर दी है। अनवर ढेबर,त्रिलोक ढिल्लन और नितेश पुरोहित स्वास्थ्यगत कारणों के चलते अंतरिम ज़मानत पर थे। स्थाई जमानत को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी ने याचिका खारिज कर दी है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद सभी आरोपितों को सरेंडर करना पड़ेगा।

ईडी ने छापामार कार्रवाई के बाद आरोप लगाया कि प्रदेश में दो हजार करोड़ रूपये का शराब घोटाला हुआ है। साथ ही टैक्स की चोरी हुई है। पूछताछ के बाद बाद ईडी ने रायपुर निवासी कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने लंबी जांच के बाद उन्हें हिरासत में लिया था। मेडिकल ग्राउंड के आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी । उन्हें किडनी और गालब्लैडर स्टोन की दिक्कत थी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में इससे जुड़े आरोपियों को राहत दी थी। स्वास्थ्यगत कारणों से अंतरिम जमानत पर चल रहे आरोपितों ने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर स्थाई जमानत की गुहार लगाई थी।जिसे सुनवाई के बाद जस्टिस भादुड़ी ने खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब इनकी परेशानी बढ़ जाएगी। जमानत याचिका खारिज होने के बाद सभी आराेपितों को निचली अदालत के समक्ष सरेंडर करना पड़ेगा। वहां से जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी अनवर ढेबर को शराब घोटाले में आरोपित बनाया था। ईडी की ओर से छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला होने की बात कही थी। साथ ही 13 हजार पन्नों की चार्जशीट भी पेश की गई थी। दो हजार करोड़ शराब घोटाले का आरोप ईडी ने लगाया है, जिसे कांग्रेस ने लगातार निराधार बता रही है। ईडी ने शराब में राज्य में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग का दावा किया है। जिसमें कहा गया कि, राज्य में 2019 से 2022 तक दो हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसमें राज्य के बड़े नेताओं और अधिकारियों का समर्थन था। कच्ची शराब सरकारी शराब दुकान में बेचने और इससे मुनाफा कमाने का आरोप अनवर ढेबर पर लगाया गया है।

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