राजनीति

Election;राज्यसभा उम्मीदवारी तय करने अचानक छत्तीसगढ से दिल्ली लौटे राहुल गांधी, कांग्रेस को फिर लग सकता है झटका!

नई दिल्ली, कांग्रेस में राज्यसभा सीटों की दावेदारी को लेकर चल रही जबरदस्त अंदरूनी सियासत में अब उम्मीदवारी का अंतिम फैसला पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी करेंगे। समझा जाता है कि इसके मद्देनजर ही राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को छत्तीसगढ के अंबिकापुर में एक दिन का ब्रेक देकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ मंगलवार शाम विशेष विमान से दिल्ली लौटे।

इस लिहाज से अब तय माना जा रहा कि मंगलवार देर से बुधवार के दौरान राहुल गांधी से चर्चा और हरी झंडी मिलने के बाद कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा। राज्यसभा उम्मीदवारी के सवाल पर पार्टी की भीतरी हलचल का आलम यह है कि कुछ राज्य इकाईयां दूसरे प्रदेश के नेताओं को अपने कोटे की सीट देने के खिलाफ हैं तो लंबे समय से मौके का इंतजार कर रहे कुछ नेता इस बार अनदेखी किए जाने पर विद्रोह की आवाज उठाने की तैयारी में हैं।

पार्टी में व्यापक अंदरूनी कश्मकश

सूत्रों के अनुसार राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए कई स्वाभाविक रूप से दावेदार नेताओं की अनदेखी कर नेतृत्व के करीबी लोगों को टिकट देने की चर्चाओं से पार्टी में व्यापक अंदरूनी कश्मकश चल रही है। राज्य इकाईयों की ओर से भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने सूबे के नेताओं को मौका देकर सियासी समीकरण दुरूस्त करने की बात रखी गई है।

उम्मीदवारी का फैसला राहुल गांधी ही करेंगे

खरगे और राहुल के साथ कांग्रेस के ताकतवर महासचिव केसी वेणुगोपाल भी इस विशेष विमान से दिल्ली लौटे। न्याय यात्रा में बुधवार को एक दिन का ब्रेक पहले से तय नहीं था और यह भी इस बात का संकेत है कि राज्यसभा उम्मीदवारी का फैसला राहुल गांधी ही करेंगे। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की राजस्थान से राज्यसभा की उम्मीदवारी की प्रबल संभावना है मगर वे राजस्थान या हिमाचल प्रदेश में किस राज्य का प्रतिनिधितत्व करेंगी इस पर अंतिम निर्णय भी राहुल ही लेंगे।

कांग्रेस को 56 में से 10 सीटें मिलनी हैं

राज्यसभा के 56 सीटों के लिए हो रहे द्विवार्षिक चुनाव में कांग्रेस को 10 सीटें मिलनी हैं इसमें तीन कर्नाटक, दो तेलंगाना, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश से एक-एक सीट मिलनी है।

सिंघवी-अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम तय

वरिष्ठ नेता पार्टी के मुख्य कानूनी सलाहकार अभिषेक सिंघवी और बिहार से अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम लगभग तय है। इसी तरह कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के करीबी नासिर हुसैन भी प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। राजस्थान के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के करीबी भंवर जितेंद्र सिह भी इस बार आस लगाए हुए हैं और सोनिया गांधी राजस्थान जाती हैं तो फिर उन्हें हिमाचल प्रदेश से मौका दिए जाने की अंदरूनी चर्चाएं हैं।

बाहरी नेताओं को स्वीकार्य करने को लेकर असहज

इसका संदेश साफ है कि सोनिया गांधी के अलावा राज्य इकाईयां बाहरी नेताओं को स्वीकार्य करने को लेकर असहज हैं। वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा कि राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर राहुल गांधी की अपनी पसंद है। इसके मद्देनजर ही कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्यसभा उम्मीदवारी का फैसला करने के लिए राहुल गांधी को न्याय यात्रा से एक दिन का ब्रेक लेने के लिए न केवल कहा बल्कि अंबिकापुर से अपने विशेष चार्टेड विमान में उनको लेकर शाम को दिल्ली पहुंच गए।

पार्टी के अंदर विद्रोह हो सकता हैं

सूत्रों ने कहा कि उम्मीदवारी का फैसला करने में सियासी संतुलन नहीं रखा गया तो फिर पार्टी के अंदर से विद्रोह की आवाजें और मुखर रूप से सामने आ सकती हैं। मालूम हो कि मिलिंद देवड़ा ने राज्यसभा का टिकट नहीं मिलता देख शिवसेना शिंदे का दामन थाम लिया तो अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ने के 24 घंटे के भीतर भाजपा का केसरिया पटका गले में डाल लिया।

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