राजनीति

इतना आसान नहीं लोकसभा चुनाव लड़ना !

 राजनांदगांव लोकसभा सीट  से चुनाव लडने के लिए लगभग 200 व्यक्तियों ने नामांकन फार्म खरीदे और केवल 23 ने  फार्म जमा किए।  ईवीएम के बदले मत पत्र से चुनाव के संभावित विकल्प के नाम पर कांग्रेस के प्रत्याशी भूपेश बघेल ने 384 प्रत्याशी खड़ा करने का विकल्प देकर राष्ट्रीय सुर्खिया बटोरी थी।

  ऐसा माना  गया था कि एक  ईवीएम में 16 प्रत्याशियों के  नाम आते है। 384प्रत्याशी होने पर 24 ईवीएम की आवश्यकता होगी।जिन्हे  लाने ले जाने,एक दूसरे से जोड़ने, रखने,संचालन करने  में जो कठनाई होगी उसका विकल्प मतपत्र से चुनाव कराना होगा। इस संबंध छत्तीसगढ़  राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने स्पष्ट किया था कि पूर्व आंकलन करने के बजाय  परिस्थिति आने पर विचार करेंगे ।इसका अर्थ ये था कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी जानती थी कि इतना आसान नहीं है 384 प्रत्याशियों का फार्म जमा किया जाना।

 आखिर क्या कारण है कि  निर्दलीय प्रत्याशी फार्म भरने में हिचकिचाते है? निर्वाचन आयोग  द्वारा  मान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशियों के लिए  एक एक प्रस्तावक और समर्थक की अनिवार्यता रखी है लेकिन निर्दलियों के लिए  प्रस्तावक और समर्थको की संख्या दस दस निर्धारित रखी है। इसके अलावा सामान्य निर्दलीय को  पच्चीस हजार और अनुसूचित जाति और जनजाति के प्रत्याशी के लिए साढ़े बारह हजार रूपये अपने एकाउंट से जमा करने होते है। इसके अलावा  संपत्ति और अपराधिक  पृष्टभूमि की जानकारी शपथ पत्र  में देना अनिवार्य होता है। असली दिक्कत तो चुनाव में खड़े होने के बाद आना शुरू होती है जब   निर्वाचन आयोग का डंडा पड़ना शुरू होता है।  चुनाव के  हर दिन व्वय की जानकारी शाम रात तक जिला निर्वांचन  अधिकारी के कार्यालय में पहुंचना अनिवार्य है अन्यथा अधिकारी खोज खबर लेने लगते है।

  384 प्रत्याशियों के लिए दस दस प्रस्तावक और दस दस समर्थक का कुल योग देखे तो 3840प्रस्तावक और 3840समर्थक  बिना किसी सुनियोजित योजना के कठिन  कार्य है। एक  निर्दलीय। के चुनाव में फार्म भरने के साथ 25000₹भी जमा करना अनिवार्य है। किसी के आव्हान में लड़ना मतलब राशि भी देना जरूरी है। 384  सामान्य प्रत्याशियों के लिए 96लाख रूपये की भी जरूरत होगी। कोई भी राजनैतिक पार्टी इस प्रकार के। कार्य करना उचित नहीं मानेगी क्योंकि इस प्रकार के विचार व्यक्तिगत होते है। हुआ भी यही कि राजनांदगांव में  384की जगह केवल 23प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। वापस कितना लेंगे ये तो नाम वापसी के बाद पता चलेगा।

स्तंभकार-संजय दुबे

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