स्वास्थ्य

HEALTH SCAM;छत्तीसगढ़ में 660 करोड़ का स्वास्थ्य उपकरण खरीदी घोटाला, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने दिए जांच के निर्देश

0 सीएजी के ऑडिट रिपोर्ट में घोटाले का हुआ राजफाश, बिना किसी बजट आवंटन के खरीद लिए गए उपकरण

रायपुर, कांग्रेस सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में 660 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य उपकरण खरीदी में घोटाला हुआ है। यह राजफाश हुआ है प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा) छत्तीसगढ़ की आडिट रिपोर्ट में। इसके मुताबिक राज्य में वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान चिकित्सा उपकरण और अभिकर्मक बिना किसी बजट आवंटन के ही खरीद लिए गए। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (CGMSC) ने मोक्षित कार्पोरेशन के माध्यम से करोड़ों की खरीदी कर गड़बड़ी की है।

प्राथमिक जांच में यह गोलमाल सामने आने पर लेखा एवं लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आइएएस यशवंत कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ को पत्र लिखा है। महालेखाकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को लिखे गए पत्र के बाद वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच के निर्देश दिए हैं। बता दें कि ऑडिट रिपोर्ट जिस वित्तीय सत्र की है उस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव रहे हैं। सिंहदेव ने भी मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होने की बात कही है।

यह है ऑडिट रिपोर्ट

ऑडिट में पाया गया कि निगम ने चिकित्सा उपकरण और अभिकर्मक खरीदे, और उन्हें 776 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (पीएचसी) सुविधाओं में वितरित किया। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 350 से अधिक पीएचसी में उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए आवश्यक तकनीकी जनशक्ति और भंडारण सुविधाओं का अभाव था।

इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने प्रत्येक सुविधा की विशिष्ट आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए आवश्यक आधारभूत सर्वेक्षण या अंतर विश्लेषण किए बिना इन उपकरणों के सप्लाई के आर्डर दे दिए। सभी पीएचसी में वितरण एक समान था, जिसमें रोगीभार और विशिष्ट आवश्यकताओं में भिन्नता को अनदेखा किया गया। इस अंधाधुंध खरीद के परिणामस्वरूप उच्च मूल्य वाले उपकरण बेकार पड़े रहे और उनकी गुणवत्ता भी संकट में पड़ गई।

ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो वर्षों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया। जिस हास्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया। प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी।

बेसलाइन सर्वेक्षण के बगैर खरीदी

ऑडिट टीम के अनुसार डीएचएस ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था। इस अनुचित खरीदी के परिणामस्वरूप उच्च मूल्य के उपकरण बेकार पड़े हैं। लेखा परीक्षा की ओर से स्वास्थ्य विभाग को लिखे गए पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि विस्तृत ऑडिट की योजना बनाई जा रही है, जिसमें कंपनी, डीएचएस, एनएचएम और क्षेत्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं का ऑडिट किया जाएगा। आडिट में इन विभागों को सहयोग करने के लिए निर्देशित करने को कहा गया है।

साथ ही ऑडिट करने के लिए उपयुक्त तिथि और समय भी पूछा गया है। ऑडिट रिपोर्ट समीक्षा के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने दो जुलाई को बैठक बुलाई है, जिसमें स्वास्थ्य संचालक, सीजीएमएससी महाप्रबंधक, मिशन संचालक नेशनल हेल्थ मिशन को ऑडिट जुड़े तमाम दस्तावेजों के साथ बुलाए गए हैं। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा, हमने जांच दल गठित कर दिया है। चार से पांच आइएएस जांच कर रहे हैं। जल्द ही रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर हम कार्रवाई करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button